Sakshi Malik and Bajrang Punia: बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के नए अध्यक्ष चुने गए हैं. जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती को अलविदा कहा. इसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्म श्री वापस कर दिया. इस मुद्दे पर अब पूरे देश में राजनीति शुरू हो चुकी है.


एक और पहलवान ने पद्म श्री लौटाने की बात कही


इस बीच साक्षी के समर्थन में पहवान वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) भी आ गए हैं. उन्हें एक्स पर पोस्ट कर कहा, मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्म श्री लौटा दूंगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, मुझे आपकी बेटी और अपनी बहन साक्षी मल‍िक पर गर्व है." इस पोस्ट में उन्होंने उन्होंने नीरज चोपड़ा और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को टैग किया. 


प्रियंका चतुर्वेदी ने शर्मनाक बताया


इस पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "आप एक ऐसे व्यक्ति को बचा रहे हैं जिसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं. महिला पहलवानों से वादा किया गया था कि बृजभूषण से जुड़े किसी भी व्यक्ति को डब्ल्यूएफआई के लिए नहीं चुना जाएगा. बजरंग पुनिया को जो करना पड़ा वह शर्मनाक था क्योंकि उन्हें न्याय नहीं मिला.”


सुप्रिया सुले का रिएक्शन


पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "केंद्रीय खेल मंत्री को उनसे मिलना चाहिए और उनकी बातें सुननी चाहिए."


रमेश बिधूड़ी ने कहा- किसी का उपकरण न बनें


बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा, "एथलीटों को एथलीटों की मानसिकता रखनी चाहिए, उन्हें किसी का उपकरण नहीं बनना चाहिए. उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है, वे प्रतिभाशाली एथलीट हैं. पिछली बार, हरियाणा के राजनेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए इन एथलीटों के करियर को खराब किया."


कांग्रेस ने साथ देने का भरोसा दिलाया


कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साक्षी मलिक की आंखों में आंसू मोदी सरकार की देन है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार (22 दिसंबर) साक्षी मलिक के घर पहुंचीं, जहां उन्होंने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से मुलाकात की. उन्होंने दोनों को न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया. इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा भी उनके साथ थे.


दीपेंद्र हुड्डा ने एक्स पर लिखा, "हमने उनसे आग्रह किया कि देशहित में कुश्ती से संन्यास के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और उन्हें विश्वास दिलाया कि न्याय मिलने तक उनका साथ नहीं छोड़ेंगे."


खेल मंत्रालय ने बताया निजी फैसला


खेल मंत्रालय ने कहा है कि डब्ल्यूएफआई का चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुआ है. खेल मंत्रालय ने यह भी कहा, ''यह उनका निजी फैसला है. हम अब भी कोशिश करेंगे कि बजरंग पूनिया पद्मश्री लौटाने के फैसले को बदल दें."


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