1971 War Photo: सेना मुख्यालय में सेना प्रमुख के कमरे में लगी तस्वीर को हटाने को लेकर सोमवार (16 दिसंबर 2024) को दिनभर जमकर वाद विवाद और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा. प्रियंका गांधी से लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए लेकिन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने लोकसभा में अपने जवाब से पूरी स्थिति साफ कर दी. यह वह तस्वीर है जिसमें 1971 में बांग्लादेश के गठन के दौरान पाकिस्तान सेना के भारतीय सेना के सामने सरेंडर करते हुए दिखाया गया था.


केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि इस मुद्दे को लेकर जितनी राजनीति की जा रही है वह ठीक नहीं है. क्योंकि वह तस्वीर भले ही सेना प्रमुख के कमरे से हटाई गई हो लेकिन अब वह तस्वीर अपने सही जगह जहां पर उसको होना चाहिए था वहां पहुंच चुकी है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा अब वो तस्वीर को फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ सेंटर में स्थापित किया गया है और इस मुद्दे को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.




विपक्ष ने उठाए थे सवाल


इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं ने बांग्लादेश के गठन दिवस यानी विजय दिवस के मौके पर बीजेपी पर यह कहते हुए हमला किया कि इतिहास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण तस्वीर को हटा दिया गया. कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर उठाया. प्रियंका गांधी ने कहा कि वह एक महत्वपूर्ण तस्वीर है जिसमें भारतीय सेवा के साहस की बानगी देखने को मिलती है, जब उन्होंने एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था. उस तस्वीर को वापस लगाया जाना चाहिए.




'इंदिरा गांधी को सलाम करती हूं...'


प्रियंका गांधी ने कहा, "मैं 1971 के युद्ध में हमारे लिए लड़ने वाले बहादुर सैनिकों को सलाम करना चाहती हूं. बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा था, बांग्लादेश के लोगों, हमारे बंगाली भाइयों और बहनों की आवाज़ कोई नहीं सुन रहा था. उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, मैं उन्हें सलाम करना चाहती हूं. उन्होंने सबसे कठिन परिस्थितियों में साहस दिखाया और ऐसा नेतृत्व दिखाया जिससे देश विजयी हुआ."


गौरतलब है जिस तस्वीर की बात हो रही है वह उस दौरान की है जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना  को घुटना टेकने पर मजबूर कर दिया था और पाकिस्तान के एक लाख जवानों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था. इसके बाद एक नए देश बांग्लादेश का गठन हुआ था.


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