Human Wild life Conflict: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार (16 दिसंबर) को अपनी संसदीय क्षेत्र वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई. उन्होंने सरकार से इस संघर्ष से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे में बढ़ोतरी करने की अपील की. प्रियंका गांधी ने लोकसभा सत्र के दौरान ये सवाल उठाया और कहा "मेरे क्षेत्र वायनाड में पिछले साल 90 लोग इस संघर्ष से प्रभावित हुए हैं और कल ही हाथियों के हमले में एक व्यक्ति घायल हुआ. मैं सरकार से ये अनुरोध करती हूं कि किसानों और सामान्य लोगों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए."


प्रियंका गांधी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि केंद्रीय अधिकारियों की एक टीम वायनाड के तीन तालुका क्षेत्रों का दौरा कर चुकी है. इस टीम ने वन विभाग और जिला प्रशासन के साथ मिलकर संघर्ष से निपटने के लिए कई उपायों पर काम किया है. साथ ही ये भी बताया कि बताया कि इस मुद्दे पर लगातार काम हो रहा है ताकि संघर्ष को कम किया जा सके और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.


वन्यजीव संघर्ष करीब 915 लोगों की मौत 


केरल सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले नौ सालों में राज्य में 915 लोग इस संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 7,917 लोग घायल हुए हैं. इनमें से ज्यादातर घटनाएं हाथियों, बाघों और जंगली सूअरों की वजह से हुई हैं. शनिवार (14 दिसंबर) को त्रिशूर की एक इंजीनियरिंग छात्रा की मौत हो गई जब एक हाथी द्वारा उखाड़ी गई ताड़ के पेड़ की शाखा उनके मोटरसाइकिल पर गिर गई. इस घटना में उनके दोस्त को भी चोटें आई. ये घटना मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को दर्शाती है.


राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल


मनुष्यों और वन्यजीवों के संघर्ष को कम करने के लिए केरल और कर्नाटका सरकारों ने 11 मार्च को एक अंतर-राज्य समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जानकारी के मुताबिक ये समझौता वन्यजीवों के मानव बस्तियों में घुसने की समस्या को हल करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है. इस समझौते में संघर्ष क्षेत्रों की पहचान, हस्तक्षेप की प्रक्रिया को आसान बनाना, सूचना का तेजी से आदान-प्रदान और संसाधनों की साझेदारी पर बल दिया गया है. 


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