यूपी के बाद अब इस राज्य में सक्रिय हो सकती हैं प्रियंका गांधी, दिया ये संकेत
साल 2015 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब हो गई थी. उसे एक सीट पर भी जीत नसीब नहीं हुई थी. आम आदमी पार्टी ने 67 तो बाकी बची तीन सीटें बीजेपी के खाते में गई थी. ऐसे में दिल्ली में कांग्रेस के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है.
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नई दिल्ली: कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की नजरें अब दिल्ली पर हैं. दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. मंगलवार को प्रियंका गांधी ने दिल्ली में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की और प्रदूषण पर चर्चा की. वैसे तो प्रियंका गांधी के पास यूपी का प्रभार है लेकिन उन्होंने दिल्ली कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की.
इसमें जिला अध्यक्षों से लेकर पर प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, प्रभारी पीसी चाको तो थे ही साथ ही राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल भी मौजूद थे. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं से प्रियंका गांधी ने कहा कि वो उनके लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगी. ये साफ संकेत देते हैं कि दिल्ली की राजनीति में आने वाले समय में प्रियंका गांधी की सक्रियता देखी जा सकती है.
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बता दें कि इस बैठक में फैसला हुआ कि प्रदूषण को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए दिल्ली कांग्रेस पर्चा बांटेगी. इसके साथ ही ऑटो ड्राइवर और रिक्शा चालकों के लिए मेडिकल कैंप भी लगाने जा रही है. इसके पीछे का उद्देश्य लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ना है.
गौरतलब है कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. हाल ही सुभाष चोपड़ा को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है और साथ ही कीर्ति आजाद को प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
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कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती
साल 2015 में हुआ दिल्ली का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के नाम रहा था. दिल्ली की जनता ने दिल खोलकर अरविंद केजरीवाल को वोट किया और आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की. इस जीत के बाद अरविंद केजरीवाल दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. बीजेपी के खाते में तीन सीटें गईं और कांग्रेस के ‘हाथ’ खाली रह गए. कांग्रेस के सामने अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की चुनौती है.
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