नई दिल्ली: नोटबंदी को आज तीन साल पूरे हो गए. नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का तमाम पार्टियों और नेताओं ने पुरजोर विरोध किया था. किसी ने इसे आपदा तो किसी ने इसे सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र करार दिया था. इसी कड़ी में एक बार फिर प्रतिक्रियाओं का आना जारी है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी एक ‘आपदा’ साबित हुई है जिसने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया.


प्रियंका ने आठ नवंबर को नोटबंदी के तीन साल पूरे होने के मौके पर मोदी सरकार पर हमला बोला. प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा, “नोटबंदी को तीन साल हो गए. सरकार और इसके नीम-हक़ीमों द्वारा किए गए, ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए. नोटबंदी एक आपदा साबित हुई जिसने हमारी अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी. इस ‘तुग़लकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा?”


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को हजार और पांच सौ के नोटों को बंद करने का एलान किया था. इसके बाद से पूरे देश में कोहराम मच गया था और बैंको और एटीएम के बाहर हजारो की लाइन लगनी शुरू हो गयी थी.


नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन भी किया था. राहुल गांधी ने कहा था कि नोटबंदी सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र था. यह घोटाला प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला-धन सफेद करने की एक धूर्त स्कीम थी.


आठ नवंबर के दिन क्या हुआ था?


आठ नवंबर की सुबह आम लोगों के लिए किसी आम सुबह की तरह ही थी, लेकिन रात जैसे ही घड़ी की सुई आठ बजे पर पहुंची देश के प्रधानमंत्री ने एक ऐसा एलान कर दिया, जिससे आम लोगों से लेकर खास लोगों तक सभी की नींद उड़ गई. पीएम मोदी ने इस दिन मध्यरात्रि से पांच सौ एक हजार के पुराने नोट बंद करने का एलान कर दिया.


अगले दिन यानी नौ नवंबर को बैंकों के सामने लंबी-लंबी कतारें लग गई. हर कोई हैरान परेशान था. ठंड के इस मौसम में सुबह चार बजे से ही बैंकों के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गई. हर कोई अपने पांच सौ और हजार के पुराने नोट जल्द से जल्द बदलवाना चाहता था.


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