नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगरा जिला प्रशासन और यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से नोटिस को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका ने कहा कि जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें. मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी. मैं इंदिरा गांधी की पोती हूं, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं.


उन्होंने ट्वीट किया, 'जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है. किसी सरकारी दुष्प्रचार को आगे रखना नहीं है.' कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियां देकर अपना समय व्यर्थ कर रही हैं. जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें. मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी. मैं इंदिरा गांधी की पोती हूं, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं.'






आगरा के जिलाधिकारी ने ट्वीट को भ्रामक बताकर  नोटिस भेजा


बता दें कि आगरा में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को लेकर प्रियंका ने ट्वीट किया था. यही नहीं आगरा के जिलाधिकारी ने इस ट्वीट को भ्रामक बताकर उन्हों नोटिस तक भेज दिया. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक अखबार में छपी खबर के हवाले से कहा था कि आगरा में बीते 48 घंटे में 28 मौतें हो चुकी हैं. यही नहीं उन्होंने आगरा के रोल मॉडल होने पर भी तंज कसा था.


इस ट्वीट पर राज्य सरकार के स्तर पर सनसनी फैल गई थी. इस बीच आगरा के डीएम ने मोर्चा संभालते हुये लिखा कि मार्च से लेकर अब तक आगरा में 79 मौत कोरोना से हुई हैं. अखबार में प्रकाशित खबर असत्‍य है. मामला यहां नहीं थमा. प्रियंका का ट्वीट सुर्खियों में आते ही अखबारों में छा गया. मंगलवार सुबह डीएम आगरा ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से ट्वीट के जरिये पोस्ट की गई खबर का खंडन करने को कहा गया. डीएम ने लिखा है कि कोरोना से जूझ रही टीम का मनोबल गिराने की कोशिश की गई है.


प्रियंका गांधी का ये था ट्वीट


कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट करते हुये लिखा था कि 'आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई. यूपी सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई''। सरकार की नो टेस्ट=नो कोरोना पॉलिसी पर सवाल उठे थे लेकिन सरकार ने उसका कोई जवाब नहीं दिया..''


एक दूसरे ट्वीट में फिर प्रियंका ने साधा निशाना


प्रियंका गांधी यही नहीं रुकीं. उन्होंने दोबारा आगरा के संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि 'आगरा में कोरोना से मृत्युदर दिल्ली व मुंबई से भी अधिक है. यहाां कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8% है. यहां कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35% यानि 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घण्टे के अंदर हुई है''.
‘आगरा मॉडल’ का झूठ फैलाकर इन विषम परिस्थितियों में धकेलने के जिम्मेदार कौन हैं? मुख्यमंत्री जी 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं''.


बाल आयोग ने नोटिस भेजकर कही ये बात


उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को नोटिस भेज कर उनसे कानपुर के बालिका गृह को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी का तीन दिन के अन्दर खण्डन करने को कहा है. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर समय से खण्डन न किया गया तो बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम -2005 की धारा-13 की उपधारा -1 (जे) के साथ धारा-14 व 15 के तहत उचित कार्यवाही की जाएगी.
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