'आमदनी कम, कर्ज लेने को मजबूर लोग', प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी ने लिखा, "पंडित जवाहरलाल नेहरू कहते थे कि मुल्क थोड़े आदमियों के ऊंची कुर्सी पर बैठने से नहीं उठते, मुल्क उठते हैं जब करोड़ों लोग खुशहाल होते हैं और तरक्की करते हैं."
Priyanka Gandhi Slams Modi Government: वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी और भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से देश कमजोर हुआ है. कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा है कि भारतीय परिवार को आमदनी कम हो रही है और लोग कर्ज ले रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू के कथन को याद करते हुए लिखा, "मुल्क थोड़े आदमियों के ऊंची कुर्सी पर बैठने से नहीं उठते, मुल्क उठते हैं जब करोड़ों लोग खुशहाल होते हैं और तरक्की करते हैं."
'आमदनी कम हुई, नौकरियां घटी'
प्रियंका गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "RBI के मुताबिक, भारतीय परिवारों की आमदनी लगातार घट रही है और कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ रही है." उन्होंने लिखा, "नोटबंदी के बाद से लगातार नौकरियां घटी हैं और यह ट्रेंड अब तक जारी है. घटती आमदनी की वजह से लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है, इसका नतीजा ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती 7 महीनों में गोल्ड लोन में 56% की वृद्धि हुई, लेकिन गोल्ड लोन डिफॉल्ट 30% बढ़ गया."
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 'सालाना दो करोड़ नौकरियां', '5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी', 'विश्वगुरु' और 'नए साल के संकल्प' जैसे जुमले तो खूब दिए लेकिन असल में उनकी आर्थिक कुनीतियों ने करोड़ों देशवासियों को कमजोर किया है.
"मुल्क थोड़े आदमियों के ऊंची कुर्सी पर बैठने से नहीं उठते, मुल्क उठते हैं जब करोड़ों लोग खुशहाल होते हैं और तरक्की करते हैं।" - पंडित नेहरू जी
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 2, 2025
👉 RBI के मुताबिक, भारतीय परिवारों की आमदनी लगातार घट रही है और कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ रही है।
👉 घटती आमदनी की वजह से लोन…
'50 साल के निचले स्तर पर घरेलू बचत'
प्रियंका गांधी ने लिखा, "वर्ल्ड इनक्वॉलिटी डेटाबेस के मुताबिक, भाजपा राज में आर्थिक असमानता अंग्रेजी राज से भी ज्यादा बढ़ गई है. देश की आधी से ज्यादा संपत्ति पर एक प्रतिशत अमीरों का कब्जा है. पिछली आठ तिमाही से निजी खपत लगातार नीचे गिर रही है और घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर है. मध्य और निम्न आय वर्ग के लोगों पर अप्रत्यक्ष कर के बोझ ने महंगाई बढ़ाई, जिसकी वजह से आम लोग अपना परिवार नहीं चला पा रहे हैं."
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