Priyanka Gandhi On China: अडानी मामले को लेकर एक बार फिर प्रियंका गांधी ने शनिवार (8 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि जनता जवाब चाहती है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कह रही. अब सामने आया कि अडानी समूह चीन के व्यापारी के साथ मिलकर बिजनेस करता है लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है. 


प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ''संसद बंद कर दी, सांसदों की आवाज बंद करा दी, लेकिन अडानी के जरिए चीन की एक कंपनी का धंधा चलवाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन से लोहा ले रहे हमारे वीरों के बारे में सोचिए. क्या अडानी के जरिए देश के अहम क्षेत्रों में चीनी कंपनी की भागीदारी आपकी जानकारी में है? जनता जवाब चाहती है.'' दरअसल कांग्रेस ने दावा किया कि अडाणी समूह की कई परियोजनाओं के साथ चीन की एक कंपनी जुड़ी हुई है और इनमें से कुछ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. 


कांग्रेस ने क्या दावा किया?


कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार (6 अप्रैल) को यह भी आरोप लगाया कि इस चीनी कंपनी का मालिकाना हक चीन के एक नागरिक के पास है. अडानी ग्रुप ने कांग्रेस के आरोप पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, हालांकि समूह पहले लगाए गए अनियमितता से जुड़े सभी आरोपों को खारिज करता आया है.  


सुप्रिया ने दावा किया था कि अडानी एंटरप्राइजेज के परिसर से चलने वाली चीनी कंपनी 'पीएमसी प्रोजेक्ट्स' का मालिकाना हक चीनी नागरिक मॉरिस चांग के पास है. मॉरिस चांग, चांग चुंग-लिंग के बेटे हैं. चांग चुंग-लिंग, अडानी के भाई विनोद अडानी के अभिन्न मित्र और बिजनेस पार्टनर है. 






सरकार ने क्या कहा?  


केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर कहा था कि संवेदनशील मामलों पर टिप्पणी न करें. कांग्रेस को अरुणाचल प्रदेश के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी कथित रूप से लोकसभा को बता रहे हैं कि लंबे समय से भारत की सीमाओं को विकसित नहीं करने की नीति थी क्योंकि एक अविकसित सीमा एक विकसित सीमा से कहीं अधिक सुरक्षित थी. 


यह जवाब रिजिजू ने जयराम रमेश के उस ट्वीट पर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो चीन हमारे वीर जवानों पर हमले करता है, हमारी भूमि पर कब्ज़ा जमाए बैठा है, उसी चीन के नागरिकों के साथ पीएम मोदी के मित्र अडानी के घनिष्ठ संबंध हैं, वे साथ मिलकर बिज़नेस करते हैं. देश के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स चीनी कंपनी को सौंपे गए. क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं है? 


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