Manipur Violence News: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर के थोउबल जिले के लिलोंग चिंगजाओ इलाके में 1 जनवरी को अज्ञात हमलावरों के गोली मारने से चार लोगों की मौत हो गई. इलाके में घटना के दूसरे दिन मंगलवार (2 जनवरी) को हालात शांत, लेकिन तनावपूर्ण रहे. सुरक्षा के मद्देनजर लिलोंग चिंगजाओ में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर सवाल खड़े किए हैं.


प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ''मणिपुर में चार लोगों की हत्या कर दी गई. कई लोग घायल हैं, कई जिलों में कर्फ्यू है.आठ महीने से मणिपुर के लोग हत्या, हिंसा और तबाही झेल रहे हैं. यह सिलसिला कब रुकेगा?'' 


'न जवाब दिया, न एक्शन लिया'


कांग्रेस नेता ने कहा, ''मणिपुर की सभी पार्टियों के नेताओं के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली आकर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्होंने आज तक समय नहीं दिया. न वे मणिपुर गए, न मणिपुर के बारे में बात की, न संसद में जवाब दिया, न कोई एक्शन लिया.''


उन्होंने कहा कि क्या मणिपुर को यही नेतृत्व चाहिए या विज्ञापनों की ताकत महान बताने के लिए पर्याप्त है. प्रियंका ने आगे कहा कि सरकार को अब बिना देर किए मणिपुर के सभी पक्षों से बातचीत करके, उन्हें विश्वास में लेकर, स्थिरता और शांति लाने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू करने चाहिए.


नए साल के पहले ही दिन हुआ हत्याकांड


गौरतलब है कि मणिपुर के थोउबल जिले के अल्पसंख्यक बहुल लिलोंग चिंगजाओ इलाके में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर चार ग्रामीणों की हत्या कर दी थी. वहीं, गंभीर रूप से घायल दो अन्य व्यक्ति इंफाल के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं. 


स्थानीय प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वर्दी में आए अज्ञात बंदूकधारी 1 जनवरी की रात को एक व्यक्ति से पैसे वसूलने के लिए आए थे. इस दौरान विवाद हुआ. उन्होंने बताया कि जब स्थानीय लोग उन्हें खदेड़ रहे थे तो बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे कई लोग हताहत हो गये. 


कैसे काबू में आए बिगड़े हालात?


अधिकारी ने कहा, ''घटना के बाद रात को तनाव बढ़ गया, लेकिन नागरिक संगठन के नेताओं और लिलोंग के विधायक अब्दुल नासिर की ओर से एक अंतर-धार्मिक बैठक आयोजित करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की ओर से दोषियों को गिरफ्तार करने तथा कानून के अनुसार उन्हें दंडित किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद स्थिति शांत हुई.


(इनपुट पीटीआई भाषा से भी)


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