नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के पास होने के बाद से देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. रविवार को इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और कुछ बसों में आग लगा दी गई. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई. दिल्ली पुलिस पर आरोप है उसने जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर जाकर छात्रों की पिटाई की और लाइब्रेरी में पढ़ रहे बच्चों को भी वहां से भगा दिया और कुछ के साथ मारपीट की.


अब इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अब से कुछ देर पहले दिल्ली के इंडिया गेट पर दिल्ली पुलिस की छात्रों के ऊपर बर्बरता के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं. खबरों के मुताबिक प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर दो घंटे तक सांकेतिक प्रदर्शन पर बैठेंगी.






कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ इंडिया गेट पर धरने में उनके साथ कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं. इस बारे में कांग्रेस पार्टी के चीफ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया है कि शाम चार बजे शुरू हुआ धरना दो घंटे का है और यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा अन्य स्थानों के छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए किया जा रहा है. इस प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने अपने हाथों में कई तरह के पोस्टर रखें हैं. इन पोस्टरों पर लिखा है- 'लाठ गोली नहीं, रोजगार रोटी दो.'


दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बयान दिया है. सोनिया गांधी ने कहा, ''शासन देने में मोदी सरकार फेल है और मोदी सरकार बंटवारे की जननी है. मोदी सरकार की मंशा साफ है कि देश में अस्थिरता फैलाओ, देश में हिंसा फैलाओ, देश के युवाओं के अधिकार छीनते जाओ. देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाओ और राजनैतिक रोटियां सेंकते जाओ.''


बता दें कि जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की तमाम विपक्षी दलों ने निंदा की है. छात्रों को देश के कई विश्वविद्यालयों से समर्थन भी मिला है. महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के भी छात्रों ने जामिया के छात्रों का समर्थन किया है.


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