Himachal Assembly Election: यूपी के बाद मिशन हिमाचल पर निकलीं प्रियंका गांधी, जानें क्या हैं बड़ी चुनौतियां
Priyanka Gandhi Mission Himachal: यूपी में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन काफी सुर्खियों में रहा था. अब उन्होंने हिमाचल में अपने चुनावी मिशन को तेज कर दिया है.
Himachal Assembly Election 2022: विधानसभ चुनाव (Assembly Election) को लेकर चुनावी सर्गमियां तेज हो गई हैं. हिमाचल में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव को लेकर तमाम रणनीतियां तैयार करने में जुटी हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने इसे त्रिकोणीय मुकालबा बनाने का काम किया है. पीएम मोदी जहां पिछले 8 दिनों में दो बार प्रदेश का दौरा कर चुके हैं तो अब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी 'मिशन हिमाचल' को लेकर पूरी तरह से तैयार दिख रही हैं. इससे पहले उन्होंने यूपी में चुनावी मिशन को लेकर जमकर रैलियां की थीं. यहां उन्होंने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन चलाया था.
उत्तर प्रदेश में प्रियंका का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन काफी सुर्खियों में रहा था. हालांकि, उनके इस कैंपेन को बीजेपी और बसपा ने नाटकबाजी बताया था. अब प्रियंका हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में जुट गई हैं. 14 अक्टूबर को उन्होंने सोलन जिले में जनसभा को संबोधित कर यहां चुनाव अभियान शुरू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने अब तक 45 सीटों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप दिया है. कई सीटों पर अभी भी उम्मीदवारों को लेकर फैसला करने पर खींचतान जारी है.
प्रियंका ने तेज किया 'मिशन हिमाचल'
अपने इस मिशन को लेकर वह एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रही हैं. उन्होंने बीते दिन शिमला से सटे छराबड़ा में बने घर की बात करते हुए खुद को प्रदेश का बताया. प्रियंका ने अपने संबोधन के दौरान कई बार इंदिरा गांधी के हिमाचल के प्रति लगाव का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही हिमाचल में बसना चाहती थीं. इस दौरान उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों को नजदीक से जाना. हालांकि, वह प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति से पूरी तरह से वाकिफ हैं.
कांग्रेस के लिए क्या हैं बड़ी चुनौतियां
- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी है. क्योंकि यहां पहले से ही डबल इंजन सरकार सत्ता पर है. ऐसे में वह अपनी कई योजनाओं की मदद से कांग्रेस को शिकस्त दे सकती है. पिछले कुछ दिनों में पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में एक के बाद एक कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा.
- इसके साथ ही बिखरते कुनबे को बचाना भी यहां प्रदेश कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है. एक तरफ चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस में चल रही खींचतान से पार्टी का सत्ता में वापसी का सफर और कठिन होता जा रहा है. इससे पहले हिमाचल कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
- बीजेपी के कई बड़े नेता लगातार हिमाचल प्रदेश का दौरा कर रहे हैं. पीएम मोदी खुद आठ दिनों में दो बार यहां विशाल रैलियों को संबोधित कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी 17 सितंबर को यहां महिला मोर्चा को संबोधित किया था. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जैसे दिग्गज नेता इस मिशन को पार पाने में लगातार लगे हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती दिखाई पड़ रही है.
- इस बार दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनावों में ताल ठोक रही है. इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा है, क्योंकि आप सीधे तौर पर वोट काटने की भुमिका निभाने के लिए मैदान में उतरी है. त्रिकोणीय मुकालबा होने से कांग्रेस के लिए चुनौती और बढ़ गई है.
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