Priyanka Gandhi: राहुल गांधी के नेतृत्व में निकल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में प्रियंका गांधी पहली बार मध्य प्रदेश में नजर आई थीं. हालांकि, हिमाचल प्रदेश के चुनाव के दौरान प्रियंका ने शिमला के पास पड़ने वाले मशोबरा में ही डेरा डाल दिया था. इसके बावजूद भारत जोड़ो यात्रा में कई मौकों पर प्रियंका गांधी सक्रिय रूप से नजर आ चुकी हैं.
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा खूब रही कि हिमाचल प्रदेश में भले ही हर चुनाव में सत्ता बदलने का ट्रेंड रहा हो, लेकिन इस बार राज्य में कांग्रेस की जीत का श्रेय प्रियंका गांधी को जाता है. वहीं, हिमाचल चुनाव के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया जाना भी उनका ही फैसला बताया गया.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह समेत कई कद्दावर नेताओं के बीच से सीएम पद के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर मुहर लगना कोई छोटी बात नहीं है. ये फैसला बताने के लिए काफी है कि भले ही कांग्रेस में प्रियंका गांधी का कद राहुल गांधी जितना न हो, लेकिन बड़े फैसले लेने अधिकार उनके पास भी है. आइए जानते हैं भविष्य में प्रियंका गांधी के लिए क्या संभावनाएं हैं?
हर किरदार में फिट दिखी हैं प्रियंका गांधी
देश के सबसे पुराने राजनीतिक परिवार से आने वाली प्रियंका गांधी अपने निजी जीवन से लेकर सियासी डगर के बीच मिले हर किरदार को बखूबी से अंजाम देती रही हैं. कहा जाता है कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने पर्दे के पीछे से रहकर ही सपा और कांग्रेस का गठबंधन करवाया था. उस समय तक प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति से पूरी तरह से दूर थीं. हालांकि, रायबरेली और अमेठी में उनके दौरे होते रहते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाया गया और पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई.
हालांकि, इस चुनाव में उनका जादू नहीं चल सका. इसके बावजूद प्रियंका उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय नजर आईं. उन्नाव कांड, हाथरस कांड, लखीमपुर खीरी कांड जैसे हर मामले में प्रियंका गांधी की दमदार आवाज सुनाई देती रही. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे के साथ उत्तर प्रदेश में तकरीबन हाशिये पर जा चुकी कांग्रेस को फिर से खड़ा करने की कोशिश जरूर की. 2019 में ही प्रियंका गांधी अपने पति रॉबर्ट वाड्रा को एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस तक छोड़ने भी गई थीं.
2024 में अमेठी से दिखा सकती हैं कमाल
बीते साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी की सूबे में की गई मेहनत 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए फलीभूत हो सकती है. अगर वो चाहें, तो कांग्रेस से उन्हें अमेठी की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है. संभव है कि बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी को वो अपने भाई राहुल गांधी की पारंपरिक सीट पर जोरदार टक्कर भी दें. वैसे, संभावना उनकी जीत की भी बन सकती है. अगर प्रियंका गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का मूड बनाती हैं, तो उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण बदल जाएंगे. हो सकता है कि आज भारत जोड़ो यात्रा से दूरी बना रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर से कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का मन बना लें, क्योंकि बीजेपी से नाराज चल रहे वोटरों का बिखराव प्रियंका के नाम पर शायद ही वो होने देंगे.
प्रियंका गांधी की मजबूत टीम
हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी के साथ सचिन पायलट और भूपेश बघेल लगातार प्रचार में जुटे रहे थे. इन दोनों नेताओं को प्रियंका की टीम का हिस्सा माना जाता है. इसी साल होने वाले राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी इन दोनों नेताओं के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसा ही दांव खेल सकती हैं. वैसे भी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के वर्तमान सियासी हालात को देखते हुए कांग्रेस को प्रियंका गांधी जैसे तारणहार की ही जरूरत है. जो अपना फैसला हर कीमत पर मनवाने की कुव्वत रखता हो.
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