नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा के चुनाव प्रचार पर लगी रोक को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे कर दिया. उन्होंने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करेंगे, जिसके बाद प्रचार प्रतिबंध की अवधि घटाई गई. इस पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने निशाना साधा है.


प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, "चुनाव आयोग से हम भाजपा नेता की गाड़ी में EVM मामले में कड़ी कार्रवाई का इंतजार कर ही रहे थे कि आयोग के एक और कदम से ऐसा लगता है कि उसने अपनी रुलबुक से निष्पक्षता वाला पेज फाड़के फेंक दिया है. आखिर किस दबाव में धमकी देने वाले भाजपा नेता के बैन को 48 घंटे से घटाकर 24घंटे किया गया?"



संसदीय लोकतंत्र के लिए काला दिन- सुरजेवाला


उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने यह फैसला मोदी सरकार के दबाव में लिया है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘संसदीय लोकततंत्र के लिए काला दिन है. चुनाव आयोग के पास अपने आदेश पर कायम रहने की हिम्मत नहीं है. यह निंदनीय है कि चुनाव आयोग मोदी सरकार के दबाव में झुक गया और सरमा को चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित करने का आदेश बदला. इतिहास इस पाप के लिए न तो चुनाव आयोग और न ही भाजपा को माफ करेगा.’’


उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या चुनाव आयोग यह बताएगा कि यह फैसला स्वत: लिया गया या फिर भाजपा या सरमा की तरफ से कोई नयी याचिका दायर की गई? अगर ऐसा है, तो फिर इस मामले में शिकायत करने वाले दलों कांग्रेस और बीपीएफ को क्यों नहीं बुलाया गया? क्या यह दंड से मुक्ति के भाव के साथ धमकाने के लिए लाइसेंस देना है?’’


क्यों लगी थी रोक?


चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सरमा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष एच मोहिलारी के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरे बयान देने के मामले में 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से हेमंत बिस्वा सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.


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