Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Punjabi Singer Sidhu Moose Wala) की पंजाब के मनसा (Mansa) में 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मूसेवाला की हत्या की साजिश कई महीनों से रची जा रही थी. मूसेवाला की हत्या से पहले आखिरी 24 घंटे में क्या कुछ हुआ इसे लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. प्रियव्रत उर्फ फौजी (Fauji) ने पुलिस को पूछताछ में वारदात से पहले के पूरी कहानी बताई. बता दें कि फौजी ने ये पूरी कहानी दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को पूछताछ के दौरान कैमरे पर बताई है. आइए आपको बताते है वारदात से पहले क्या हुआ था. 


28 मईः सुबह ठीक 11 बजे डॉक्टर का फोन प्रियव्रत फौजी के मोबाइल पर आता है. 
डॉक्टरः फौजी सुन मूसेवाला की सुरक्षा हटा ली गई और अब तुम्हें लड़को के साथ कल ही यानी 29 मई को हर हाल में काम को अंजाम देना है.
फौजीः जी डॉक्टर साहब काम हो जाएगा.. लड़के तैयार हैं.


आगे की कहानी आपको बताते हैं. लेकिन आप सोच रहे होंगे कि ये डॉक्टर कौन है जो इस हत्याकांड में शामिल है और जो प्रियव्रत को निर्देश दे रहा था. दरअसल, प्रियव्रत कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ (Goldie Brar) को ही डॉक्टर (Doctor) के नाम से बुलाता था. इतना ही नही पूरा गैंग गोल्डी को डॉक्टर ही बुलाता था.


29 मई सुबह 10 बजेः मूसेवाला की हत्या वाले दिन प्रियव्रत, अंकित, केशव हरियाणा के कीरमारा इलाके में रुके हुए थे. सुबह 10 बजे ये तीनों कीरमारा से मानसा के लिए बोलेरो गाड़ी में चल पड़े.
29 मई सुबह 10.30 बजेः फिर इन्होंने दीपक मुंडी और कशिश को हरियाणा के ओक्लाना मंडी) (Oklana Market हिसार से पिक किया. यहां ये राजेन्द्र नाम के शख्स के ठिकाने पर रुके थे.
29 मई सुबह 11 बजेः ये पांचों इकट्ठा होकर पंजाब के मनसा के लिए निकल पड़े. इसी दौरान गोल्डी यानि डॉक्टर प्रियव्रत उर्फ फौज और मनप्रित मानू को फोन करता है. गोल्डी सभी को मानसा के तीन किलोमीटर पहले एक ढाबे पर पहुंच जाने का आर्डर देता है.
29 मई शाम 4 बजेः गोल्डी बराड़ उर्फ डॉक्टर के कहने पर मानसा से तीन किलोमीटर पहले एक ढाबे पर हरियाणा साइड (Haryana) के शूटर्स पहुंच जाते हैं और ठीक 15 मिनट बाद पंजाब (Punjab) साइड के दोनों कुख्यात शूटर्स मनप्रित मानू और जगरूप रूपा भी उसी ढाबे पर पहुच जाते है. यहां सभी गोल्डी  यानी डॉक्टर के अगले आदेश का इंतजार करने लगते है.
29 मई शाम 4.30 बजेः गोल्डी का शूटर्स के पास एक बार फिर फ़ोन आता है. 
गोल्डीः शूटर्स को बताता है कि सिद्धू मुसेवाला के घर का बड़ा गेट खुल गया है. मूसेवाला घर से निकलने वाला है.
फौजीः जी डॉक्टर साहब तुरंत निकल रहे हैं. फिर सभी 6 शूटर्स की दोनो गाड़िया मूसेवाला के घर के लिए निकल गयी. सिर्फ केशव उसी ढाबे पर रुक गया. प्लान के मुताबिक हत्याकांड के बाद सभी को उसी ठाबे पर मिलना था.


शूटर्स ने सिद्धू मूसेवाला की गाड़ी का किया इंतजार


शूटर्स की बलेरो कार मानसा गांव के पहले मानसा चौक पर ही रुक गयी. गोल्डी ने फिर शूटर्स को फोन किया
गोल्डीः मूसेवाला घर से निकल गया है अपनी थार गाड़ी में. सुरक्षा भी नही है.
शूटर्स- जी डॉक्टर साहब.
थोड़ी देर में ही देर में मूसेवाला की थार ने शूटर्स की बलेरो को क्रास किया और फिर शूटर्स की गाड़ी मूसेवाला के पीछे लग गई.मानसा चौक पर खड़ी दूसरी गाड़ी ने भी मूसेवाला की थार को फॉलो करना शुरू किया. प्रियव्रत के पुलिस को बताया कि उन्हें लग रहा था कि मूसेवाला जिस तरह रैकी के वक्त नहर के रूट्स का इस्तेमाल घर से निकलकर आगे जाने के लिए करता था वही रूट 29 मई को भी लेगा लेकिन उस रोज नहर रास्ते न जाकर दूसरा रूट ले लिया. कुछ ही देर बाद इन्होंने हत्याकांड को अंजाम दे दिया.


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