Khalistan: दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर लिखे खालिस्तान समर्थक नारे, पीएम मोदी के खिलाफ भी उगला जहर
Khalistan Slogans: दिल्ली के करोल बाग और झंडेवालान मेट्रो स्टेशनों के खंभों पर खालिस्तान समर्थक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे हुए मिले हैं. फिलहाल दिल्ली पुलिस इसकी जांच कर रही है.
Delhi Khalistan Slogans: दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों के खंभों पर खालिस्तानी समर्थन वाले नारे लिखे मिले हैं. इतना ही नहीं पीएम मोदी के खिलफ भी नारे लिखे मिले हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, करोल बाग और झंडेवालान मेट्रो स्टेशनों के खंभों पर खालिस्तान समर्थक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे हुए थे. इसकी जानकारी जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो इन नारों को मेट्रो स्टेशनों के खंभे से हटाया गया. साथ ही दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है.
मेट्रो स्टेशनों के खंभे पर लिखे नारे
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इन नारों की जिम्मेदारी प्रतिबंधित सिख अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस ने ली है. करोल बाग मेट्रो स्टेशन के पास मौजूद एक इमारत में तैनात सुरक्षा गार्ड ने एएनआई को बताया कि उसने रविवार सुबह मेट्रो स्टेशन के खंभों पर काले रंग से कुछ लिखा हुआ देखा. वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी और सभी नारे पढ़ रहे थे.
#WATCH | Delhi: Pro-Khalistan graffiti and slogans against PM Modi were found written on pillars of Karol Bagh and Jhandewalan Metro stations today. Police lodged an FIR in the case and requested CCTV footage from the concerned metro stations. pic.twitter.com/SG9nKX9sJS
— ANI (@ANI) May 12, 2024
क्या है सिख फॉर जस्टिस संगठन?
दरअसल, सिख फॉर जस्टिस संगठन पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. इस संगठन को गुरुपवंत सिंह पन्नू चला था. पन्नू साल 2019 से एनआईए के रडार पर है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादी पन्नू के खिलाफ उसी साल पहला मामला दर्ज किया था.
जनवरी में भी मिले थे ऐसे ही नारे
इससे पहले जनवरी में राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल की दीवार पर भी ऐसे ही नारे लिखे हुए मिले थे. उस दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने सुनसान इलाके में खंभे पर 'एसजेएफ, 26 जनवरी, खालिस्तान' लिख दिया था. अधिकारी ने कहा था कि जिस क्षेत्र में नारे लिखे गए हैं, वह बहुत सुनसान जगह है और वहां शायद ही कोई जाता हो.
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