J&K वकील बाबर कादरी की हत्या में शामिल था गिलानी का करीबी, चार्जशीट में बड़ा दावा
Qadri Murder Case:चार्जशीट में कहा गया है कि गिलानी गुट जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन पर नियंत्रण करना चाहता था और उभरते वकील कादरी की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वह लोकप्रिय थे और चुनाव लड़ना चाहते थे.
Advocate Qadri Murder Case: राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने गुरुवार (19 दिसंबर) को एडवोकेट बाबर कादरी हत्या मामले में वरिष्ठ वकील और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन कश्मीर के पूर्व अध्यक्ष मियां अब्दुल कयूम के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया. बाबर कादरी की कथित तौर पर सितंबर 2020 में श्रीनगर के हवाल इलाके में उनके आवास पर आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.
चार्जशीट के अनुसार, गिलानी गुट ने कादरी की हत्या के लिए लश्कर समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को काम पर रखा था, क्योंकि वे जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन को नियंत्रित करना चाहते थे और कादरी, एक उभरते हुए वकील की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह लोकप्रिय थे और चुनाव लड़ना चाहते थे.
कादरी हत्या से कुछ घंटे पहले फेसबुक पर था लाइव
SIA ने एक बयान में कहा कि FIR संख्या 62/2020 U/S 302 IPC 7/27 IA Act 13/16/18/20/39 UPA के तहत मामला दर्ज किया गया था और IGP कश्मीर के गठित SIT ने जांच शुरू की थी, हालांकि, 20.07.2023 को PHQ जम्मू-कश्मीर ने मामले की आगे की जांच SIA को सौंप दी. SIA ने जांच अपने हाथ में ली और पर्याप्त मौखिक, दस्तावेजी और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर 25 जून 2024 को मृतक की हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता के रूप में मियां कयूम को गिरफ्तार किया.
इसमें लिखा है, "SIA SIT की ओर से की गई गहन जांच के दौरान यह पता चला कि मियां कयूम, जिसका मृतक के साथ दुश्मनी का रिश्ता था. उसने ने आपराधिक साजिश रच कर TRF के आतंकवादियों और पाकिस्तान में उनके आकाओं के जरिए बाबर कादरी को खत्म करवाया."
बाबर कादरी सोशल मीडिया पर एक्टिव
जांच में पता चला है कि बाबर कादरी सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर बहुत सक्रिय था, जिसके माध्यम से वह मियां कयूम की आलोचना भी करता था. दिलचस्प बात यह है कि वह 24 सितंबर 2020 की दोपहर को फेसबुक पर लाइव आया और मियां कयूम की नीतियों की निंदा करते हुए, मियां कयूम और उनके साथियों के हाथों मारे जाने की आशंका भी जताई. विडंबना यह है कि कुछ घंटों बाद ही उसे उसके ही घर में निर्मम हत्या कर दी गई. SIA ने गुरुवार (19 दिसंबर) को मियां कयूम के खिलाफ धारा 302/120-B/109 IPC 13/18/18-B/38/39 UAPA के तहत 340 पन्नों का सप्लीमेंट्री आरोप पत्र पेश किया. "धारा 173 (8) के तहत मामले में आगे की जांच जारी रहेगी."
अम्फाला में बंद है मियां कयूम
मामले में शुरुआती चार्जशीट स्पेशल एनआईए कोर्ट श्रीनगर में दाखिल की गई थी, हालांकि, दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट ने मियां कयूम द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और मृतक के परिवार को धमकाने को गंभीरता से लेते हुए मामले को जम्मू ट्रांसफर कर दिया था. हालांकि, मियां कयूम तब से जम्मू के जिला जेल अम्फाला में बंद है."