नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. दिल्ली के धौला कुआं इलाके पर एक शख्स रेडी में घर का सामान भरकर अपनी पत्नी, 3 साल के छोटे से बच्चे को बैठाकर झांसी के लिए जा रहा है. धूप तेज है, सूरज सर पर आ चुका है. शख्स पसीने से लथपथ है. कभी उसकी पत्नी रेडी पर बैठती है तो कभी उतरकर रेडी को धक्का मारने लगती है.
इतनी गर्मी और करीब 500 किलोमीटर दूर झांसी के लिए ये परिवार अपने 3 साल के मासूम बच्चे को लेकर निकल पड़ा है. ये परिवार रात 2 बजे दिल्ली के बवाना से निकले था. परिवार का कहना है कि यहां ना खाने को है ना पीने को. कब तक रुकेंगे. दिल्ली पुलिस पलायन कर रहे मजदूरों को लगातार रोक रही है. इन मजदूरों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजा जाता है.
पलायन कर रहे मजदूरों का यह कोई पहला मामला नहीं है. हर दिन अभी भी दिल्ली के बॉर्डर पर पुलिस सैकड़ों मजदूरों को रोकती है. जिन्हें बाद में क्वॉरंटाइन सेन्टर तो कभी शेल्टर होम में भेज दिया जाता है. कई बार यह लोग ट्रकों में छुपकर तो कभी गाड़ियों में अलग-अलग तरीकों से छुपकर जाने की भी कोशिश करते हैं.
सरकार चला रही है इन मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन लेकिन नाकाफी है यह कोशिशें
सरकार लगातार हर राज्य में फंसे मजदूरों को उनके शहरों तक ट्रेन से पहुंचाने की कवायद में जुटी है लेकिन बावजूद उसके इन मजदूरों का पलायन जारी है और इसकी वजह है सरकार के नाकाफी प्रयास. जरूरत है सरकार को जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाने की. जिससे इन मजदूरों को इनके गांव शहरों तक पहुंचाया जाए. क्योंकि कहीं ना कहीं अब इन मजदूरों का धैर्य जवाब दे रहा है. जिसके चलते यह लोग हजारों मील पैदल चलने को मजबूर है. या फिर ट्रकों में गैरकानूनी तरीकों से एक दूसरे से सटकर बैठ कर जाने को मजबूर है
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