नई दिल्ली: भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन भले ही पर्याप्त प्रभावी है लेकिन अभी तक डब्ल्यूएचओ से मंजूरी नहीं मिलना सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. यह चिंता उन रिपोर्ट्स से और बढ़ी है जिनमें दावा किया गया है कि कुछ देश ही कोवैक्सीन टीका लगवाने वाले लोगों को एंट्री देंगे.


सूत्रों के अनुसार, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला सोमवार को कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक के साथ बैठक करेंगे,जिसमें स्वदेशी वैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने पर चर्चा की जाएगी. देश में अबतक करीब 2 करोड़ लोगों को कोवैक्सीन टीका लगाया जा चुका है.   


कुछ देश ने कोवैक्सीन को दी है मंजूरी
अमेरिका और यूरोप के कई देश जल्द ही फिर से रीओपनिंग करने जा रह हैं. ऐसे में सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कोवैक्सीन का टीका लगाने वालों, विशेषकर छात्रों को इन देशों द्वारा एंट्री से वंचित नहीं किया जाए.
 
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जहां कुछ देशों ने कोवैक्सीन को मंजूरी दी, वहीं कई दूसरे देशों के वैक्सीन निर्यात के लिए तैयार होने के बाद मंजूरी देने की संभावना है. सरकार के सूत्रों के अनुसार, कोवैक्सीन की मंजूरी डब्ल्यूएचओ में पेंडिंग है और सरकार इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए भारत बायोटेक के साथ काम करेगी.


डब्ल्यूएचओ से मंजूरी के बाद दूसरे देशों के लिए आयात करना आसान
डब्ल्यूएचओ से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने से दूसरे देशों के कोवैक्सीन आयात करने, विदेशों में इसका निर्माण करने और इसको लगवाने वाले लोगों को ट्रैवल करने में आसानी होगी. श्रीलंका ने डब्ल्यूएचओ के सपोर्ट के बाद ही अपने नागरिकों को चीन के सिनोफार्म वैक्सीन लगाना शुरू किया है. इमरजेंसी लिस्टिंग का मतलब यह भी होगा कि कोवैक्सीन का उपयोग ग्लोबल वैक्सीन एलायंस कोवैक्स द्वारा भी किया जा सकता है.    


40 से ज्यादा देशों ने रुचि दिखाई  
सरकार के अनुसार, 40 से अधिक देशों ने कोवैक्सिन में रुचि दिखाई है. वहीं, संभवतः डब्ल्यूएचओ इसे मंजूरी देने से पहले और क्लीनिकल डेटा और मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस के बारे में जानकारी मांगेगा. भारत बायोटेक ने पिछले महीने फेज 3 ट्रायल के बाद इसकी ओवरऑल इंटरिम एफीकेसी 78 प्रतिशत  और गंभीर कोविड -19 डिजीज के खिलाफ 100 प्रतिशत एफीकेसी की घोषणा की थी. पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई भारतीय नेता और नौकरशाह कोवैक्सीन टीका लगवा चुके हैं.  


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