नई दिल्ली. पंजाब और हरियाणा में नए किसान बिल को लेकर आंदोलन लगातार जारी है. आंदोलन की जड़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था को ख़त्म कर दिए जाने की आशंका है. किसानों की आशंकाओं के बीच मोदी सरकार ने आज एक बड़ी राहत देने वाली घोषणा की. खाद्य मंत्रालय ने पंजाब और हरियाणा में ख़रीफ़ सीज़न 2020 - 21 के तहत धान की सरकारी ख़रीद की तारीख़ में बदलाव करने का फ़ैसला किया है.


मंत्रालय ने एक आदेश के ज़रिए 26 सितंबर से ही धान की सरकारी ख़रीद शुरू करने की घोषणा कर दी है. पहले ये ख़रीद अपने तय समय 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली थी. पंजाब और हरियाणा में धान की फसल जल्दी तैयार हो जाने और बिक्री के लिए उपलब्ध होने के कारण ऐसा फ़ैसला किया गया है. सरकार के मुताबिक़ इस फ़ैसले से किसानों को बड़ी सुविधा होगी.


एमएसपी की दर पर होगी ख़रीद
सरकार के मुताबिक़ हरियाणा और पंजाब की मंडियों में धान समय से पहले पहुंचने लगा है. इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज को एमएसपी पर बेचने की सुविधा मुहैया करवाना है. नए किसान बिलों को लेकर किसानों को आशंका है कि इन बिलों से एमएसपी पर सरकार की ख़रीद बन्द हो जाएगी. लेकिन सरकार ने कहा है कि दोनों राज्यों में धान की ख़रीद सरकारी एजेंसी एफसीआई और अन्य एजेंसियां करना जारी रखेंगी.


मिलिंग के समय में कोई बदलाव नहीं
हालांकि सरकार ने साफ़ किया है कि ख़रीफ़ सीजन 2020 - 21 के लिए चावल की मिलिंग के समय में कोई बदलाव नही किया गया है. केन्द्र सरकार ने इस खरीफ सत्र (2020-21) में समर्थन मूल्य के अनुसार देशभर से 495 लाख टन (49.5 मिलियन टन) धान की खरीद का लक्ष्य रखा है. पिछले साल सरकार ने क़रीब 420 लाख टन धान की ख़रीद एमएसपी की दर से की थी. इस साल सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 53 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी कर 1868 रु. प्रति क्विंटल करने का फ़ैसला किया है.