नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज समापन हो गया. इस सत्र के दौरान जहां नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) जैसा विवादास्पद बिल पारित हुआ तो वहीं, देश की आर्थिक दशा और किसानों की समस्या पर भी व्यापक चर्चा हुई. शीतकालीन सत्र के बाद अब बजट सत्र अगले साल जनवरी-फरवरी में होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि परंपरा के मुताबिक 1 फरवरी को ही बजट पेश होने की संभावना है. बता दें कि अगले साल 1 फरवरी को शनिवार है. लिहाजा ये सवाल उठ रहा था कि बजट की तारीख़ में कोई बदलाव तो नहीं हो सकता है.


दोनों सदनों से 15 बिल हुए पारित


कामकाज के आंकड़े बताते हैं कि शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में तय समय से 16 फ़ीसदी ज़्यादा काम हुआ जबकि राज्यसभा ने तय समय के बराबर काम हुआ है. इस दौरान 15 ऐसे बिल रहे जिन्हें दोनों सदनों ने पारित किया. इनमें नागरिकता संशोधन बिल के अलावा एसपीजी संशोधन बिल, दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने वाला बिल और लोकसभा और विधानसभाओं में एससी-एसटी उम्मीदवारों के आरक्षण को बरक़रार रखने के लिए लाया गया 126वां संविधान संशोधन बिल शामिल हैं.


कुछ ऐसे बिल भी रहे जो लोकसभा में पेश तो हुए लेकिन पारित नहीं हो सके. निजी डेटा सुरक्षा बिल ऐसे ही बिलों में से एक रहा जिसे संयुक्त सेलेक्ट कमिटी के पास भेज दिया गया है. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी को इस कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया है.


कुछ रिकॉर्ड भी बने


दोनों ही सदनों में कुछ नए कीर्तिमान भी बने हैं. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि लोकसभा में एक दिन ऐसा गुज़रा जिस दिन प्रश्नकाल के दौरान सभी 20 मौखिक प्रश्नों का निपटारा किया गया. तारांकित प्रश्न वो होते हैं जिनका प्रश्नकाल में सरकार के मंत्रियों की ओर से मौखिक जवाब दिया जाता है. इसके अलावा राज्यसभा में प्रतिदिन औसतन 8.7 सवालों का मौखिक जवाब दिया गया जो 41 सालों में एक रिकॉर्ड है. प्रह्लाद जोशी ने सत्र को बेहद सफल बताते हुए दावा किया कि सरकार हमेशा ही संसद में चर्चा की पक्षधर रही है.


विवाद भी खूब हुए


लेकिन संसद का सत्र बिना विवाद के बीत जाए ये कैसे हो सकता है. सत्र की शुरुआत में ही कश्मीर की स्थिति को लेकर हो हल्ला मचा. उसके बाद साध्वी प्रज्ञा का गोडसे पर दिया कथित बयान हो या फिर अधीर रंजन चौधरी का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर दिया गया बयान, इन बयानों पर दोनों सदनों में हंगामा हुआ. आखिरी दिन भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान को लेकर बीजेपी सांसदों ने खूब हंगामा किया जिसमें उन्होंने मेक इन इंडिया को रेप इन इंडिया कहा था.


 

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