मशहूर शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को निधन हो गया. वे कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे, जिसके उपचार के लिए उन्हें मध्य प्रदेश के इंदौर में 10 अगस्त की देर रात अरविंदो अस्तपाल में भर्ती कराया गया था. अब जब राहत इंदौरी साहब हमारे बीच नहीं रहे. आइए एक नज़र डालते हैं उनकी जिंदगी पर...


राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को हुआ था. उनके पिता का नाम रिफअत उल्लाह था. राहत साहब के पिता की शादी 1940-41 में देवास में हुई. उनका निकाह मकबूल बी के साथ हुआ. शादी के दो साल बाद बेटी तहजीबुन्निसा पैदा हुई. इसके बाद दूसरी बेटी तरकीबुन्निसा का जन्म हुआ. इसके बाद आकिल का जन्म हुआ और फिर कामिल और आदिल की पैदाइश हुई. आपको बता दें कि कामिल ही बाद में राहत इंदौरी के नाम से जाने गए.



राहत इंदौरी की प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई. उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया. तत्पश्चात 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.

राहत इंदोरी जी ने शुरुवाती दौर में इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में उर्दू साहित्य का अध्यापन कार्य शुरू कर दिया. उनके छात्रों के मुताबिक वह कॉलेज के अच्छे व्याख्याता थे. फिर बीच में वो मुशायरों में व्यस्त हो गए और पूरे भारत से और विदेशों से निमंत्रण प्राप्त करना शुरू कर दिया. वह न सिर्फ पढ़ाई में अच्छे थे बल्कि वो खेलकूद में भी प्रवीण थे. वे स्कूल और कॉलेज स्तर पर फुटबॉल और हॉकी टीम के कप्तान भी थे.