रैपिड टेस्ट किट पर मुनाफाखोरी: कांग्रेस ने पूछा- कोरोना महामारी के दौर में कौन हैं जो मुनाफ़ा कमाने में लगे हैं
कोविड-19 की जांच में इस्तेमाल होने वाले रैपिड टेस्ट किट में मुनाफाखोरी की खबरें सामने आने के बाद, कांग्रेस नेताओं ने चिंता जताई है. यहां तक कि कांग्रेस सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज कई कम्पनियों के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम अपील करते हैं कि महामारी के इस दौर में जो कम्पनियां अभी भी मुनाफ़ा कमा रही है उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई हो.
दरअसल कांग्रेस के लोकसभा सांसद और प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि , आईसीएमआर ने मेट्रिक्स लैब कम्पनी कोचीन से टेस्टिंग कीट आयात करने का ठेका दिया था.., मैट्रिक्स लैब ने 245 रू एक कीट की क़ीमत से पांच लाख कीट आयात की और दूसरी कम्पनी को वहीं कीट 7.5 करोड़ रू के मुनाफ़े में बेची और उसके बाद दूसरी कम्पनी ने यह पांच लाख कीटआईसीएमआर को 30 करोड़ में बेची यानी दोनों नीजि कम्पनियों ने सरकार से 18 करोड़ 75 लाख का मुनाफ़ा कमाया जबकि यही कम्पनी मैट्रिक्स लैब तमिलनाडु सरकार को एक कीट 400 रू के हिसाब से पहले ही बेच रही है लेकिन हाईकोर्ट ने कम्पनी कोफटकार लगायी तो कम्पनी ने कहा , हम 400 रू के हिसाब से टेस्टिंग कीट देने को तैयार हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे महामारी के समय में हर व्यक्ति सरकार को चंदा दे रहा है और पूरा देश एक साथ मिलकर महामारी से लड़ रहा है तो ऐसे में से व्यक्ति कौन जो मुनाफ़ा कमाने के पीछे लगे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए और ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए.
इसके साथ कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट करते कहा , "जब समूचा देश कोविड-19 आपदा से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग अनुचित मुनाफा कमाने से नहीं चूकते. इस भ्रष्ट मानसिकता पर शर्म आती है, घिन आती है. हम पीएम से मांग करते हैं कि इन मुनाफाखोरों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाए. देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा."
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