नई दिल्ली: सीपीएम नेता प्रकाश करात ने शुक्रवार को बीजेपी के खिलाफ बोलते हुए कहा कि त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराने और तमिलनाडु में पेरियार ई वी रामासामी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना हिंदुत्व के अलावा दूसरे विचाराधारा के प्रति बीजेपी के असहिष्णु रूख को दिखाती है.


सात वाम दलों- सीपीआई, एआईएफबी, आरएसपी, सीपीआई (एम), एसयूसीआई और सीजीपीआई ने मूर्तियों को तोड़े जाने के खिलाफ शुक्रवार को संसद की ओर मार्च किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.


वाम मोर्चा को वोट देने वालों के खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिश- प्रकाश करात


संसद मार्ग पर वाम कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए सीपीआई के पूर्व महासचिव करात ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा चुनावों में जीत के बाद बीजेपी राज्य में वाम मोर्चा को वोट देने वालों के खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है.


उन्होंने कहा, ‘लेनिन की मूर्ति गिराए जाने के बाद तमिलनाडु के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पेरियार की मूर्ति तोड़ दी. उत्तरप्रदेश में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया. हिंदुत्व के अलावा वे किसी भी विचारधारा को सहने के लिए तैयार नहीं हैं.’


दुनिया भर में गांधी की मूर्ति है. क्या उन देशों में उन्हें हटा दिया गया?- सीपीआई (एम) नेता 


वाम समर्थकों को संबोधित करने वाली सीपीआई (एम) नेता कविता कृष्णन ने कहा कि सोशल मीडिया पर लेनिन के खिलाफ बीजेपी-आरएसएस के अभियान में उन्हें विदेशी कहे जाने को बिल्कुल तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. कृष्णन ने कहा, ‘दुनिया भर में लोग महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हैं. दुनिया भर में गांधी की मूर्ति है. क्या उन देशों में उन्हें हटा दिया गया कि वे उनलोगों के लिए विदेशी थे?’


क्या आंबेडकर और पेरियार भी विदेशी थे?- कविता कृष्णन


कविता कृष्णन ने कहा, ‘अगर भगत सिंह आजादी के आंदोलन के दौरान लेनिन से प्रेरणा ले सकते हैं तो उनका संघर्ष भी लेनिन से प्रभावित था. उसी समय सावरकर हिटलर और मुसोलनी से प्रेरणा ले रहे थे. क्या आंबेडकर और पेरियार भी विदेशी थे?’