प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता या सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है.
उन्होंने इसे अपनी सांविधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी बताते हुए इस जंग में देशवासियों का साथ भी मांगा. लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इन दोनों विकृतियों का अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया तो यह विकराल रूप ले सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद, परिवारवाद.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वह लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है. दूसरी तरफ वह लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है. यह स्थिति अच्छी नहीं है. इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है.’’
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के द्वारा आधार और मोबाइल सहित अन्य आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए 20 लाख करोड़ रुपयों को गलत हाथों में जाने से बचाया गया और उसे देश की भलाई के काम में लगाने में सरकार सफल हुई.
बैंकों को लूट कर भाग गई पिछली सरकार
उन्होंने कहा कि जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूट करके भाग गए, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश जारी है. मोदी ने कहा, ‘‘कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा हुआ है. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े. वह स्थिति हम पैदा करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे अब बच नहीं पाएंगे. इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है और उन्हें इसके खिलाफ लड़ाई तेज करनी है व इसे निर्णायक मोड़ पर लेकर जाना ही है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे 130 करोड़ देशवासी, आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई को देश जीत पाए.’’
देश में भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है
मोदी ने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है और वह व्यक्त भी होती है लेकिन कभी-कभी भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता भी दिखाई जाती है जो किसी भी देश को शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग तो इस हद तक चले जाते हैं कि अदालत में सजा हो चुकी हो... भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका हो... जेल जाना तय हो चुका हो... जेल गुजार रहे हों... इसके बावजूद भी उनका महिमामंडन करने में लगे रहते हैं, उनकी शान शौकत में लगे रहते हैं, उनकी प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं.’’
उन्होंने कहा कि जब तक समाज में गंदगी के प्रति नफरत नहीं होती है, स्वच्छता के प्रति चेतना भी नहीं जागती है. उन्होंने कहा, ‘‘जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है. इसलिए भ्रष्टाचार के प्रति भी और भ्रष्टाचारियों के प्रति भी हमें बहुत जागरूक होने की जरूरत है.’’
हर संस्था में परिवारवाद को पोषित कर दिया है
भाई-भतीजावाद और परिवारवाद के खिलाफ हल्ला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से राजनीति के क्षेत्र की इस बुराई ने हिंदुस्तान की हर संस्था में परिवारवाद को पोषित कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है और उसके कारण मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है. देश के सामर्थ्य को नुकसान होता है...भ्रष्टाचार का एक कारण परिवारवाद भी बन जाता है.’’
उन्होंने कहा कि जब तक इसके खिलाफ नफरत पैदा नहीं होगी तब तक हम संस्थाओं को नहीं बचा पाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘संस्थाओं के उज्जवल भविष्य के लिए यह बहुत आवश्यक है. उसी प्रकार से राजनीति में भी परिवारवाद ने देश के सामर्थ्य के साथ सबसे ज्यादा अन्याय किया है.’’उन्होंने कहा कि राजनीति में परिवारवाद परिवार की भलाई के लिए होता है और उसे देश की भलाई से कोई लेना देना नहीं होता.
परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति
मोदी ने आह्वान किया, ‘‘हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए भी और सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए भी... इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी. योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर हमें बढ़ना होगा. यह अनिवार्यता है.’’ प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए इसे चयन में पारदर्शिता लाने और भाई-भतीजावाद खत्म होने का असर बताया. उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि दुनिया के खेल के मैदानों में तिरंगा लहरा रहा है और राष्ट्रगान गाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले दिनों खेलों में देखा. ऐसा तो नहीं था कि पहले प्रतिभाएं नहीं थी. पहले चयन भाई-भतीजावाद से गुजरता था. वह खेल के मैदान तक तो पहुंच जाते थे, लेकिन जीत-हार से उन्हें कोई लेना-देना नहीं था.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब पारदर्शिता आई, योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों का चयन होने लगा तो आज दुनिया के खेल के मैदान में भारत का तिरंगा लहरता है तथा राष्ट्रगान गाया जाता है.’’ उन्होंने कहा कि भाई-भाई भतीजावाद से मुक्ति होती है तो यह होता है.
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