दिल्ली में जुटेगा ASEAN विदेश मंत्रियों का कुनबा, इंडोनेशिया और मलेशिया के विदेश मंत्री भी होंगे शरीक
ASEAN Foreign Ministers Meeting: आसियान (ASEAN) देशों के साथ विदेश मंत्री स्तर की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है.
ASEAN Foreign Ministers Meeting: भारत आसियान (ASEAN) देशों के साथ विदेश मंत्री स्तर की अहम बैठक की अगले सप्ताह मेजबानी करेगा. भारत की एक्ट-ईस्ट नीति (India's Act East policy) और हिंद-प्रशांत रणनीति ही नहीं पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) टिप्पणी विवाद के बीच राजनयिक रिश्तों की रिपेयरिंग के लिहाज से भी यह आयोजन अहम होगा. बैठक के लिए इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे मुस्लिम बहुल मुल्कों के विदेश मंत्री भी दिल्ली पहुंचेंगे, जिन्होंने विवादित टिप्पणियों पर अपना राजनयिक विरोध दर्ज कराया था.
भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के पड़ोसी आसियान देशों के संबंधों की 30वीं सालगिरह के मौके पर यह विशेष बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन करेंगे.
इंडोनेशिया जहां दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है. वहीं इस्लामिक देश मलेशिया में भी इस्लाम को मानने वालों की बहुत बड़ी आबादी रहती है. पूर्वी एशिया के दोनों देशों ने पैगंबर मोहम्मद मामले पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और निष्कासित किए गए नवीन कुमार के आपत्तिजनक ट्वीट पर अपना ऐतराज दर्ज कराया था. हालांकि दोनों ही देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी यह बताने को काफी है कि भारत की तरफ से दी गई दलीलों को सुना और समझा जा रहा है.
'सरकार का नजरिया नहीं'
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर कुछ लोगों की टिप्पणी या ट्वीट भारत सरकार का नजरिया नहीं है. भारतीय राजनयिकों ने विभिन्न देशों में मौजूद अपने वार्ताकारों से भी यह स्पष्ट किया है. साथ ही बताया है कि आपत्तिजनक बयान और ट्वीट करने वाले लोगों के खिलाफ संबंधित संस्थाओं ने कार्रवाई भी की है.
पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर उठे बवंडर के बीच ही तीन दिनी दौरे पर भारत आने वाले ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दोलाहियान किसी इस्लामिक देश के पहले बड़े नेता थे. अपनी तीन दिनी यात्रा में दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद का दौरा करने वाली अब्दोलाहियान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जय शंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की.
इस बीच 8 जून को एनएसए डोभाल के साथ हुई मुलाकात के बाद जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति को भी वापस ले लिया. इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तरफ से उन्हें भरोसा दिया गया कि नफरती बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने इतना ही कहा कि एनएसए और मेहमान विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण लोगों के बीच हुई बातचीत पर हम अधिक कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे. ईरानी पक्ष ने भी अपनी प्रेस विज्ञप्ति को हटा लिया है. इतना ही नहीं बागची ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच इस बारे में कोई भी बात नहीं हुई.
इस्लामिक देश भारत के साथ चाहते हैं मजबूत संबंध
बहरहाल, मामला इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों की भारत यात्रा का ही नहीं है. इस मसले पर कतर जैसे देश ने जब भारतीय राजदूत को तलब कर ऐतराज जताया तो भारत के उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू दोहा में ही थे. उनकी मुलाकात कतर के अमीर समेत आला नेता से भी हुई.
इतना ही नहीं तालिबानी निजाम वाले अफगानिस्तान जैसे मुल्क ने भी भले ही ऐतराज वाला बयान जारी किया हो. लेकिन काबुल दौरे पर पहुंची भारतीय राजनयिक टीम के साथ माकूल संवाद भी किया और सहायता भी. साफ है कि ऐसे किसी मुद्दे पर इस्लामिक देश भारत के साथ संबंधों को ताक पर रखने के कतई मूड में नहीं है.
लिहाजा इंडोनेशिया (Indonesia) और मलेशिया (Malaysia) जैसे इस्लामिक देशों (Islamic Countries) के विदेश मंत्री जब आसियान बैठक के लिए भारत आएंगे तो निश्चित तौर पर द्विपक्षीय मुलाकातें भी होंगी. आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए थाइलैंड, कंबोडिया, मलेशिया, इंडोनेशिया समेत सभी 10 आसियान देशों (ASEAN Nations) के विदेश मंत्री शरीक होंगे. बैठक के लिए म्यांमार के विदेश मंत्री को भी आमंत्रित किया गया है. फरवरी 2021 में सैनिक तख्ता पलट के बाद म्यांमार के विदेश मंत्री का यह पहला दिल्ली दौरा होगा.
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