Prophet Remarks Row Protest: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) पर कार्रवाई को लेकर बीजेपी (BJP) और केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. ओवैसी ने कहा कि नूपुर शर्मा के बयान के बाद उन पर एक्शन लेने में बीजेपी को 10 दिन क्यों लगे?  ओवैसी ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हिंसा को रोके.


ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री, सरकार और भारतीय जनता पार्टी को कार्रवाई में देर क्यों लगी. पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था. ओवैसी ने साफ शब्दों में कहा कि उनपर एफआईआर दर्ज है तो कानून को अपना काम करना चाहिए. एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि 2014 के बाद से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं. आप किसी का घर क्यों तोड़ते हैं? आप चीफ जस्टिस हैं क्या? बुलडोजर से देश का संविधान कमजोर होगा. ओवैसी ने कहा कि मेरा गुस्सा इस बात का है कि पीएम देश के हर व्यक्ति के पीएम हैं. मेरे पीएम मोदी जी मेरी पीड़ा को नहीं समझ रहे हैं और दूसरे देशों के बोलने में फौरन हरकत में आ गए, यह गलत है.


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गिरफ्तारी की मांग


पैगम्बर मोहम्मद (Prophet Mohamamd) पर विवादित टिप्पणी के मामले में बीजेपी (BJP) ने अपनी पार्टी प्रवक्ता नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) को निंलबित कर दिया था. हालांकि इस मामले पर एआईएमआईएस (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने हाल ही में कहा था कि नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने कोई माफी नहीं मांगी है बल्कि अपने बयान में अंग्रेजी में 'इफ' लिखा है. उन्होंने माफी कहां मांगी? 


सरकार पर भी बरसे थे ओवैसी


असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ये सरकार तो बुलडोजर की राजनीति करती है. जब भी कहीं कुछ होता है तो बुलडोजर चलवा देती है, तो क्या अब नूपुर शर्मा के घर पर बुलडोजर चलेगा? उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों की बात आती है तो पीएम मोदी उनकी सुनते नहीं हैं. पीएम भारतीय मुस्लिमों की पीड़ा नहीं समझते. उन्होंने बीजेपी पर देश के मुसलमानों को अपमानित करने का आरोप लगाया था. 


तो नहीं होती कानपुर हिंसा?


ओवैसी ने आगे कहा कि अगर नूपुर शर्मा पर पहले ही कार्रवाई कर दी जाती तो कानपुर में हिंसा (Kanpur Violence) ही नहीं होती. अब वहां पर मुस्लिमों पर एनएसए लग रहा है. मैं कानपुर मामले में सही गलत का फैसला नहीं दे सकता. हम हिंसा के साथ नहीं खड़े हैं. हम कह रहे हैं कि सरकार ने पहले कुछ किया होता तो हिंसा ही नहीं होती. पहले ही कार्रवाई हो जाती तो ये किस्सा खत्म हो जाता.  


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