Prophet Remarks Row: नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर SC ने रोक लगाई, सभी FIR दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग पर जारी किया नोटिस
SC on Nupur Sharma: नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की तरफ से दाखिल नई याचिका में कहा गया था कि उनके ऊपर पहले से ही खतरा था. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणियों के बाद खतरा और ज्यादा बढ़ गया है.
Supreme Court on Nupur Sharma: बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले (Prophet Remarks Row) में 8 राज्यों में दर्ज एफआईआर (FIR) को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी. आदेश में यह भी कहा गया है कि 26 मई को हुए टीवी कार्यक्रम के मामले में दर्ज किसी भी एफआईआर में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की फिलहाल गिरफ्तारी न की जाए.
इससे पहले 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनने से मना कर दिया था. तब जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जमशेद बी पारडीवाला की बेंच ने नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई थी. उन्हें देश में बिगड़ी स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया था. जजों ने नूपुर शर्मा से टीवी पर आकर सार्वजनिक रूप से पूरे देश से माफी मांगने के लिए कहा था. साथ ही, यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट मामले को नहीं सुनेगा. नूपुर अलग-अलग हाईकोर्ट में जाकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए आवेदन दें.
नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक
नूपुर शर्मा की तरफ से दाखिल नई याचिका में कहा गया था कि उनके ऊपर पहले से ही खतरा था. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. इसके मद्देनजर उन्होंने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाए और सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दे. आज यह मामला एक बार फिर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जमशेद पारडीवाला की बेंच के सामने लगा, लेकिन आज जजों का रवैया बदला हुआ था.
नूपुर शर्मा के वकील की दलील
नूपुर शर्मा की तरफ से दलील रखते हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि 1 जुलाई को की गई कोर्ट की टिप्पणियों के बाद से स्थितियां बदली हैं. पाकिस्तान से एक व्यक्ति के नूपुर की हत्या के इरादे से भारत आने की आशंका जताई जा रही है. पटना में कुछ लोग गिरफ्तार हुए हैं. वह भी नूपुर की हत्या की साजिश रच रहे थे. ऐसे में यह संभव नहीं हो पाएगा कि नूपुर देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में जाकर आवेदन दें. इससे उनकी जान को गंभीर खतरा हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के जज ने क्या कहा?
जजों ने बात को गंभीरता से लिया. बेंच के अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हमने जब आपको वैकल्पिक कानूनी रास्ते अपनाने को कहा था तो हमारा मकसद यही था कि एफआईआर रद्द करने की शक्ति हाईकोर्ट के पास होती है, आप वहां जाएं, लेकिन अब बदले हुए हालात में ऐसा हो पाना संभव नहीं लग रहा है. ऐसे में हम इस समस्या का समाधान करेंगे. इस पर मनिंदर सिंह ने कहा कि पहले एफआईआर दिल्ली में दर्ज हुई थी, इसलिए वह सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग कर रहे हैं. मामला दिल्ली ट्रांसफर होने के बाद वह दिल्ली हाईकोर्ट में एफआईआर को रद्द करने से जुड़ा आवेदन दे सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को जारी किया नोटिस
जजों ने कहा कि वह अपने पिछले आदेश में संशोधन करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सभी पक्षों को सुनना बेहतर होगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, असम, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक सरकार को मामले में नोटिस जारी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 10 अगस्त को मामले पर आगे सुनवाई होगी. जजों ने साफ किया कि तब तक 26 मई को हुए टीवी कार्यक्रम को लेकर दर्ज किसी भी एफआईआर में नूपुर की गिरफ्तारी न हो. इस मामले में अगर भविष्य में कोई और एफआईआर दर्ज होती है तो उसमें भी नूपुर की गिरफ्तारी न की जाए.
याचिकाकर्ता की जान को खतरा- SC
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान जजों ने अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती की तरफ से जारी उस वीडियो का भी हवाला दिया, जिसमें नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) का गला काटने की धमकी दी गई थी. जजों ने यूपी के एक व्यक्ति की तरफ से जारी इसी तरह के वीडियो का भी हवाला दिया. जजों ने कहा कि याचिकाकर्ता की जान को गंभीर खतरा है. ऐसे में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देना जरूरी है.
ये भी पढ़ें:
पटना आतंकी साजिश में नया खुलासा, गिरफ्तार आरोपी अतहर परवेज के मोबाइल से मिला नूपुर शर्मा का पता
Kerala NEET Row: NEET परीक्षा देने से पहले छात्राओं से उतरवाए गए कपड़े, क्या नियम देता इसकी इजाजत?