नई दिल्ली: प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में ‘इस्लामी आतंकवाद’ से जुड़ा पाठ्यक्रम शुरू करने के कथित फैसले की आलोचना की. संगठन ने आज मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से इस मामले में दखल की मांग की.
जमीयत के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने मानव संसाधन विकास मंत्री, जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार और चांसलर विजय कुमार सारस्वत को पत्र लिखा है. हमने स्पष्ट किया है कि इस्लाम को आतंकवाद से जोड़कर पेश करने के षडयंत्र को स्वीकार नहीं किया जा सकता.’’
मदनी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने इस कदम से देश के मुसलमानों को आहत करने का काम किया है. भारतीय मुसलमानों ने हमेशा शांति का समर्थन किया और देशप्रेम दिखाया है. हमने तो आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया है. दुनियाभर में सक्रिय आतंकी संगठन भारत में पैर पसार नहीं सके और इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ भारतीय मुसलमानों का शांतिप्रिय और देशप्रेमी होना है.’’
खबरों के मुताबिक बीते शुक्रवार को जेएनयू की 145वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ‘इस्लामी आतंकवाद’ से जुड़ा पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया गया. जेएनयू छात्रसंघ ने इसका विरोध किया है.