Mumbai Court On Sex Work: मुंबई पुलिस के एक छापे में फरवरी 2023 में पकड़ी गई एक महिला सेक्स वर्कर को मुंबई की सेशंस कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया. महिला को रिहा करते हुए अदालत ने कहा, पैसे लेकर सेक्स करना अपराध नहीं है बशर्ते वह किसी पब्लिक प्लेस में नहीं किया जा रहा हो.


दरअसल मुंबई पुलिस ने फरवरी में एक वेश्यालय में छापेमारी की थी, जहां पर उन्होंने एक 34 वर्षीय महिला को सेक्स वर्क करने के आरोप में बरामद किया था, और फिर उसको एक शेल्टर होम में डिटेन कर लिया था. अब महिला की याचिका पर सत्र अदालत ने आश्रय गृह को उनको रिहा करने का आदेश दिया है.


क्या बोली अदालत?
रिहाई का आदेश देते हुए अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता बालिग है, और पुलिस की रिपोर्ट से ऐसा कहीं से भी नहीं लगता है कि महिला किसी पब्लिक प्लेस में सेक्स वर्क करती हुई पाई गई थी. इसलिए पीड़िता कहीं भी रहने और आने जाने के लिए स्वतंत्र है.


राज्य के इस बात की आशंका जताने पर, अगर महिला को शेल्टर होम से जाने दिया तो वह दुबारा सेक्स वर्क में शामिल हो सकती है. इस तर्क पर अदालत ने कहा, महज इस आधार पर कि वह दोबारा सेक्स व्यापार की ऐसी किसी गतिविधि में लिप्त हो जाएगी राज्य किसी व्यक्ति/महिला की स्वतंत्रता को प्रभावित करने का अधिकार नहीं रखती है. अदालत ने कहा, संभावना के आधार पर सेक्स वर्कर को हिरासत में रखना ठीक बात नहीं है.


अदालत ने आगे कहा, जिस महिला को डिटेन किया गया है उनके दो बच्चे हैं, जोकि नाबालिग हैं, ऐसे में बच्चों को उनकी मां की जरूरत है, साथ ही पुलिस ने महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध अदालत में रख रखा है जोकि उसके अधिकारों का हनन है.  लिहाजा सेक्स वर्कर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर महिला को रिहा करने की इजाजत दी जाती है.


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