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एससी-एसटी कानून की मौलिक भावना का संरक्षण होना चाहिए: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) उत्पीड़न निरोधक कानून की "मौलिक भावना" संरक्षित होनी चाहिए.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) उत्पीड़न निरोधक कानून की "मौलिक भावना" संरक्षित होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी एससी-एसटी कानून के प्रावधानों को कथित तौर पर कमजोर करने के विरोध में दलित संगठनों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन का समर्थन करती है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, "एससी- एसटी उत्पीड़न रोकथाम कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पैदा हुए हालात में 'आप' एससी- एसटी समुदाय के आंदोलन के साथ है. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी के लिए शीर्ष वकील तैनात करने चाहिए और कानून की जरूरत एवं मौलिक भावना संरक्षित होनी चाहिए."
एक प्रस्ताव में दिल्ली विधानसभा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की. सत्ताधारी 'आप' और विपक्षी बीजेपी के सदस्यों ने एससी- एसटी कानून के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया.AAP SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्पन्न हुई स्थिति में SC/ST समाज के आंदोलन के साथ है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए देश के जाने माने वरिष्ठ वकीलों लगाए व एक्ट की जरूरत और उसकी मूलभावना को संरक्षित रखा जाए
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 2, 2018
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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