Protest against move: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पहली कॉलेजियम बैठक हुई. इस बैठक में ऐसा फैसला लिया गया, जिस पर अब देशभर की अदालतों में कामकाज ठप्प हो गया है. दरअसल सीजेआई की पहली कॉलेजियम बैठक में मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस टी राजा सहित अन्य हाईकोर्ट के 3 जजों का ट्रांसफर करने का फैसला लिया गया था. अब इस फैसले का विरोध हो रहा है. 26 सितंबर के बाद 5 जजों की कॉलेजियम की ये पहली बैठक थी. इसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की गई थी. इस बैठक में जस्टिस राजा को राजस्थान हाईकोर्ट भेजने पर सहमति बनी थी. 


इस कॉलेजियम में जस्टिस संजय के. जस्टिस कौल, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस एमआर. शाह शामिल थे. इसमें गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल एस. करियल और तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस ए. अभिषेक रेड्डी को पटना हाईकोर्ट भेजने का निर्णय लिया गया था. सूत्रों के मुताबिक कॉलेजियम की ओर से इस संबंध में एक या दो दिन में केंद्र सरकार को भी सिफारिस भेज दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने गुजरात और तेलंगाना हाईकोर्ट के एक-एक जज को ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है. जिससे दोनों ही जगहों पर वकीलों ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 


गुजरात-तेलंगाना HC के वकीलों में गुस्सा


गुजरात हाईकोर्ट के वकीलों ने जस्टिस निखिल एस. करियल का ट्रांसफर करने के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं तेलंगाना हाईकोर्ट के वकीलों ने जस्टिस ए. अभिषेक रेड्डी के ट्रांसफर का विरोध करने के लिए अदालत की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है. प्रदर्शन कर रहे तेलंगाना हाईकोर्ट के वकीलों ने कहा कि जज को ट्रांसफर करने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि जस्टिस करियल का ट्रांसफर न्यायपालिका की स्वतंत्रता की मौत है. हम यहां मौत की घंटी का विरोध करने के लिए हैं. 


पूर्व CJI के समय में शुरू हुई थी कवायद


बता दें कि तत्कालीन CJI यूयू ललित की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने 30 सितंबर को एक बैठक आयोजित करने का प्रयास किया था. इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट में 4 न्यायाधीशों, 3 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों और एक वरिष्ठ अधिवक्ता की नियुक्ति की सिफारिश की जानी थी. लेकिन ये बैठक आयोजित नहीं हो सकी थी. 


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