नई दिल्ली: भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प की घटनाओं के बाद अब देशभर में चीन को लेकर गुस्सा है. मांग उठ रही है कि चीन को सबक सिखाने के लिए जरूरी है कि उसको सीमा पर तो मुंहतोड़ जवाब दिया ही जाए. साथ ही आर्थिक तौर पर भी चीन को करारा जवाब देना जरूरी है. इस कड़ी में चीन से आयात होने वाले सामान में कमी लाने की मांग जोर पकड़ रही है क्योंकि आज भी देश में लाखों करोड़ों रुपए का सामान चीन से आयात होता है. इसी को देखते हुए व्यापारी संघ कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम चला रखी है. इसी मुहिम के तहत आज दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन भी किया गया जिसमें चीनी सामान की होली जलाई गई.
चीनी सामान जलाकर किया गया सांकेतिक प्रदर्शन
बच्चों की साइकिलें, चीनी झालरें, घर की साज सज्जा का सामान, खिलौनें, वीडियो गेम यह कुछ चीजें थीं जिनको इस विरोध प्रदर्शन में आग के हवाले किया गया. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स से जुड़े हुए व्यापारियों के मुताबिक यह प्रदर्शन एक सांकेतिक प्रदर्शन था, लेकिन यह प्रदर्शन व्यापारियों के गुस्से को जाहिर करने के लिए काफी है. देशभर में इस व्यापारी संघ से जुड़े हुए करोड़ों व्यापारी आज की तारीख में चीन के सामान के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं.
व्यापारी चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए तैयार, सरकार बनाएं नीति- कैट
व्यापारियों ने इस सांकेतिक प्रदर्शन के जरिए यह बताने की कोशिश की कि जिस तरह से चीन लगातार भारत को आंख दिखा रहा है उसको सबक सिखाने के लिए जरूरी है कि उससे भारत में आने वाले सामान में कमी लाई जाए यानी कि आयात कम किया जाए. व्यापारी वर्ग इसको लेकर तैयार है और जरूरत है कि सरकार इसको लेकर कोई ठोस नीति बनाएं. व्यापारी संघ ने सरकार से मांग की है कि ऑनलाइन उत्पाद हो या बाजार में मिलने वाला उत्पाद सभी पर यह साफ-साफ लिखा हो कि वह किस देश से जुड़ी कंपनी का है और वह कहां बन रहा है.
ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर भी कई उत्पादों पर दिखने लगी जानकारी
हालांकि कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट ने काफी सारे उत्पादों पर यह जानकारी देनी शुरू भी कर दी है कि आखिर जो सामान वह बेच रहे हैं उसकी कंपनी किस देश की है, सामान कहां बन रहा है और कौन उसको आयात कर रहा है.
दिसंबर 2021 तक चीन से 1 लाख करोड़ के आयात कम करने का लक्ष्य
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की मानें तो व्यापारियों ने ऐसी ही मुहिम साल 2017 पठानकोट हमले के बाद भी चलाई थी और उसके बाद से लेकर अब तक कई बार इस तरीके की मुहिम वक्त-वक्त पर चलाई जा चुकी है. इसी का नतीजा है कि साल 2018 से लेकर साल 2020 के बीच चीन से आयात होने वाले सामान में करीबन 6 बिलियन डॉलर की कमी आई है.
व्यापारी संघ की मानें तो जहां साल 2018 में चीन से आयात होने वाला सामान 76 बिलियन डॉलर का हुआ करता था तो अब 2020 में वह 70 बिलियन डॉलर तक आ गया है. व्यापारी संघ का दावा है कि आने वाले डेढ़ साल यानी दिसंबर 2021 तक चीन से आयात होने वाले सामान में 13 बिलियन डॉलर की और कमी की जाएगी और इसी लक्ष्य के साथ देश भर में हो रहा है यह विरोध प्रदर्शन. व्यापारी संघ की मानें तो लक्ष्य रखा गया है कि साल 2021 तक 1 लाख करोड़ का आयात कम किया जा सके.
न हो चीनी उत्पाद का आयात, ना हो बिक्री और ना हो उसका प्रचार प्रसार- कैट
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के बैनर तले राजनेताओं, अभिनेताओं, क्रिकेटरों और सेलिब्रिटीज से भी अपील की गई है कि वह भी चीनी सामान के बहिष्कार की इस मुहिम में सहयोग करें. अभिनेताओं और क्रिकेटरों समेत अन्य सेलिब्रिटीज से अपील की गई है कि वह चीनी सामान का प्रचार प्रसार करना बंद करें जिससे कि देश भर में चीन के खिलाफ जो नाराजगी है और जो बहिष्कार की मुहिम चल रही है वह सफल हो सके और चीन को आर्थिक तौर पर एक बड़ा झटका दिया जा सके.
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