प्रधानमंत्री के भरोसे के बावजूद जारी है एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान लगातार मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और एनआरसी को देशभर में लागू न करने की मांग की गई. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून को संविधान विरोधी करार दिया.
नई दिल्ली: दिल्ली में आज एक बार फिर विरोध प्रदर्शन हुआ. विरोध प्रदर्शन के ज़रिए नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध किया गया. विरोध प्रदर्शन के तहत दिल्ली के मंडी हाउस लेकर जंतर-मंतर तक एक मार्च निकाला गया. मार्च में जामिया विश्वविद्यालय, जेएनयू के छात्रों के अलावा अलग-अलग संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए. इस प्रदर्शन के दौरान लगातार मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और एनआरसी को देशभर में लागू न करने की मांग की गई.
प्रधानमंत्री की सफाई के बाद भी विरोध प्रदर्शन
विरोध करने पहुंचे लोगों से जब सवाल पूछा गया कि आखिर अब ये विरोध प्रदर्शन क्यों? क्योंकि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के रामलीला मैदान के मंच से एनआरसी को लेकर जो भी अफवाह फैली थी उसको दूर करते हुए साफ कर दिया है कि फिलहाल देश में एनआरसी को लागू करने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं चल रही है, तो आखिर यह विरोध प्रदर्शन क्यों? विरोध प्रदर्शन में मौजूद लोगों का कहना था कि उनको देश के प्रधानमंत्री की बात पर यकीन नहीं है क्योंकि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन में देश भर में एनआरसी लागू करने की बात कही थी, तो ऐसे में सवाल यह है कि आखिर सच कौन बोल रहा है प्रधानमंत्री या गृह मंत्री अमित शाह.
दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक निकला मार्च
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के मंडी हाउस से मार्च शुरू किया और बाराखंबा रोड, टॉलस्टॉय मार्ग, केजी मार्ग होते हुए जनपद और फिर जंतर मंतर पर पहुंचे. जंतर-मंतर पहुंचने के बाद वहां पर तैयार किए गए मंच से प्रदर्शन मार्च में मौजूद लोगों ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और बार-बार एनआरसी वापस लेने की मांग दोहराई. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून को संविधान विरोधी करार दिया.
सरकार के सबसे बड़े चेहरे ने साफ किया रुख, फिर भी जारी है विरोध प्रदर्शन
ऐसे में सवाल यह है कि जो लोग यह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और विरोध मार्च निकाल रहे हैं उनको देश के प्रधानमंत्री की बात पर यकीन नहीं है तो आखिर वह किसकी बात पर यकीन करना चाहेंगे. क्योंकि प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं. अगर सरकार के मुखिया के तौर पर प्रधानमंत्री ने एनआरसी को लेकर साफ कर दिया है कि अभी इसको लागू करने को लेकर कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है और अगर कभी भविष्य में हुई भी तो उसके अलग नियम कानून बनेंगे जो जनता के सामने होंगे. जिससे देश के किसी नागरिक को परेशानी नहीं होगी. ऐसे में अगर अभी भी एनआरसी को लेकर देशभर में दुविधा और अफवाह फैली हुई है तो लोगों को भी इस ओर ध्यान देना होगा क्योंकि सरकार का सबसे बड़ा चेहरा देश का प्रधानमंत्री होता है. अगर देश का प्रधानमंत्री कुछ कह रहा है तो उसकी बात पर विश्वास कर ही आगे बढ़ा जा सकता है.
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