नई दिल्लीः अमेरिकी कम्पनी वॉलमार्ट द्वारा भारत के छोटे शहरों में भी अपने स्टोर खोलने और अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट से समझौता किये जाने से छोटे व्यापारी अब सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे हैं. कारोबारियों को सबसे ज़्यादा नाराज़गी वॉलमार्ट और ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट के बीच हुए समझौते से है. कारोबारियों का मानना है कि ऑनलाइन कंपनियों की वजह से उनका कारोबार पहले ही काफी प्रभावित हो चुका है.



दिल्ली में हुआ विरोध प्रदर्शन
वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील के खिलाफ करोल बाग में व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया कि देश भर में दस लाख से ज्यादा व्यापारियों ने आज वॉलमार्ट का विरोध किया. ये अलग बात है कि दिल्ली में धरने की जगह सौ लोग नहीं थे.



खंडेलवाल ने कहा कि वॉलमार्ट के फिल्पकार्ट से हाथ मिलाने से बड़ी संख्या में दुकानदार सड़कों पर आ जाएंगे. सरकार को दखल देकर इस डील को रोकना चाहिए. वहीं स्वदेशी जागरण मंच के नेता अश्विनी महाजन ने कहा कि उनकी जानकारी में सरकार वॉलमार्ट पर जांच बिठाने वाली है यानी इस डील पर और रोक लगेगी.


इलाहाबाद में भी कारोबारियों ने खोला मोर्चा
संगम के शहर इलाहाबाद के कारोबारियों ने आज इसके विरोध में अपनी दुकानें कुछ देर के लिए सांकेतिक तौर पर बंद रखीं और सड़कों पर प्रदर्शन कर नाराज़गी जताई. कारोबारियों ने इस मौके पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट का पुतला जलाकर अपना विरोध जताया.


प्रदर्शन करने वाले कारोबारियों का कहना है कि वॉलमार्ट ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह भारत में अपना व्यापार फैला रही है और उसके आने से छोटे और घरेलू उद्योग पूरी तरह ख़त्म हो जाएंगे और लाखों लोगों का रोज़गार छिन जाएगा. ऐसे में वह वॉलमार्ट को किसी भी कीमत पर स्टोर नहीं खोलने देंगे और उसका ज़बरदस्त विरोध करेंगे. नाराज़ व्यापारियों का कहना है कि स्वदेशी का नारा देने वाली मोदी सरकार विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देकर देश के कारोबारियों को भुखमरी के रास्ते पर ले जा रही है. इलाहाबाद में व्यापारियों का यह विरोध प्रदर्शन सिविल लाइंस के सुभाष चौक समेत शहर में कई जगहों पर हुआ.


वालमार्ट के विरोध में सड़कों पर उतरे व्यापारी, मोदी सरकार के खिलाफ की नारेबाजी