Kashmiri Pandit Killing: बडगाम में गुरूवार की रात कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद घाटी के लोगों में भारी गुस्सा है. लोग राहुल की हत्या के विरोध में बीती रात से ही जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आतंकियों की तरफ से चडूरा तहसील ऑफिस कर्मचारी राहुल भट की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने शेखपुरा, बडगाम में प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन करते हुए एक कश्मीरी पंडित अमित ने कहा- उपराज्यपाल की तरफ से हमें सुरक्षा मुहैया करायी जानी चाहिए नहीं तो बड़ी तादाद में हमारा इस्तीफा होगा.


वहीं, कश्मीरी पंडित कर्मचारी एसोसिएशन के सदस्यों ने अनंतनाग में प्रदर्शन करते हुए बडगाम में राहुल पंडित की हुई हत्या के खिलाफ इंसाफ की मांग की. एसोसिएशन के सदस्य संदीप भट ने कहा- हमने सरकार से कहा है कि हमें उन जगहों पर पुनर्वास करें जहां पर हम सुरक्षित महसूस कर पाएं


पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले


जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की हालिया हत्याओं के विरोध में प्रदर्शन करते हुए बडगाम के एयरपोर्ट रोड की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. दूसरी तरफ, राहुल भट्ट के परिवार से मिलने पहुँचे पूर्व डेप्युटी सीएम निर्मल सिंह के सामने लोगों ने किया जमकर विरोध.विरोध कर रहे लोग कश्मीरी हिंदू हैं जो कह रहे हैं कि उन्हें नौकरी नहीं सुरक्षा चाहिए.






राहुल के पिता बोले- नाम पूछकर मारी गोली


राहुल के पिता बिट्टाजी भट्ट ने ABP से किए खास बातचीत में बताया कि घटना से ठीक आठ दिन पहले राहुल अपने चाचा को देखने घर आए थे. लेकिन गुरुवार को अचानक उन्हें किसी काम के लिए वापस बुला लिया गया. कश्मीर में कश्मीरी पंडितो को टारगेट किया जा रहा है, इस सवाल पर नम आंखों के साथ राहुल के पिता ने कहा कि आतंकी ने मारने से पहले मेरे बेटे के नाम की पुष्टि की थी. इससे ज्यादा क्या ही कह सकते हैं. उस वक्त वहां चार लोग मौजूद थे लेकिन नाम के कारण ही मेरे बेटे को मार दिया गया.


पिता बिट्टाजी भट्ट ने कहा कि राहुल साल 2010 से नौकरी कर रहा था. इस बीच दो तीन जगह उनकी पोस्टिंग भी हुई लेकिन कभी किसी तरह का वाद विवाद सुनने को नहीं मिला. उन्होंने बताया कि लोग राहुल को पसंद करते थे. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरे बेटे को न्याय मिलेगा. मृतक के परिवार ने कहा कि जबत क राहुल को गोली मारनेवाले आतंकी को फांसी नहीं हो जाती या वो सुरक्षाबलों की गोली से नहीं मारे जाते तब तक मन को तसल्ली नहीं होगी.