West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में एक किशोरी की मौत का विरोध कर रहे लोगों ने मंगलवार (25 अप्रैल) को कालियागंज (Kaliyaganj) में पुलिस थाने में आग लगा दी. इस हत्या (Murder) के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. ये घटना उत्तर दिनाजपुर जिले में हुई. कालियागंज की नहर में 21 अप्रैल को 17 वर्षीय किशोरी का शव मिला था. उसके साथ दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था और कई दुकानों में आग लगा दी थी.


नाबालिग से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को थाना घेराव का आयोजन किया. प्रदर्शनकारी पुलिस की कार्रवाई से नाराज हैं. एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज शुरू किया, लेकिन भीड़ को थाने में घुसने और आग लगाने से नहीं रोक सके.


आगजनी के साथ-साथ पुलिस पर किया पथराव


प्रदर्शनकारियों आगजनी के साथ-साथ तोड़फोड़ और पुलिस पर पथराव भी किया. इस दौरान कॉम्बैट फोर्स और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस ने कहा कि बच्ची की पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि मौत जहरीले पदार्थों के प्रभाव के कारण हुई. हालांकि, लड़की की मां की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. 


मामले में चार पुलिसकर्मी निलंबित


इस मामले में एएसआई स्तर के चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. ये पुलिसकर्मी शव को हटाते समय उसे सड़क पर घसीटते नजर आए थे. इस घटना का एक कथित वीडियो भी सामने आया था. पश्चिम बंगाल पुलिस ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हुए लोगों से फर्जी खबरें न फैलाने की भी अपील की. 


टीएमसी और बीजेपी में जुबानी जंग शुरू


राज्य में पंचायत चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मामले को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. टीएमसी ने बीजेपी पर मामले का राजनीतिकरण करने और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश का आरोप लगाया. वहीं, बीजेपी ने मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की और किशोरी के परिवार को कानूनी सहायता देने का वादा किया.


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