नई दिल्ली: दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए. कहीं-कहीं ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, तो कहीं इसने हिंसक रूप ले लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रदर्शनों को दुखद एवं निराशाजनक बताया और शांति की अपील की.


जामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और नागरिकता कानून के खिलाफ गुस्से का असर उत्तर प्रदेश से लेकर केरल और महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक में देखा गया. जामिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष एकजुट हो गया.


क्या कहा कांग्रेस नेता ने


कांग्रेस के अलावा चार अन्य राजनीतिक दल के नेताओं ने जामिया परिसर में रविवार शाम की घटनाओं की सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस से जांच कराने की मांग की.


कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाकर देश में हिंसा के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है जिसका देशभर में विरोध किया जा रहा है और सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. अगर सरकार यह कानून नहीं लाती तो कोई हिंसा नहीं होती.’’


प्रियंका गांधी का प्रदर्शन


पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस ने इंडिया गेट पर शाम चार बजे से शाम छह बजे तक मूक प्रदर्शन भी किया.


प्रियंका ने कहा, ‘‘छात्रों पर हमला भारत की आत्मा पर वार है.’’ वहीं उनकी मां और पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर बीजेपी पर देश में अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया.


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘बीजेपी हिंसा और बंटवारे की जननी है.’’


जामिया के समर्थन में कई जगह प्रदर्शन


छात्र प्रदर्शनकारियों ने जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन की अनुमति के बिना पुलिस के परिसर में घुसने के साथ जामिया के लाइब्रेरी में आंसू गैस का इस्तेमाल करने की जांच कराने की भी मांग की.


दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर आईआईटी कानुपर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी मुंबई में भी प्रदर्शन हुए, जहां के छात्र प्रदर्शनों से दूर रहते हैं. आईआईएम, अहमदाबाद, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरू के छात्रों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया.


इसके साथ ही मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में भी प्रदर्शन हुआ. आईआईएम, बेंगलूरू के छात्रों ने जामिया के छात्रों के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.


नागरिकता कानून के खिलाफ सड़क उतरीं पर ममता बनर्जी


पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में बड़ी रैली निकाली और कहा कि संशेाधित कानून और एनआरसी को ‘‘उनकी लाश’’ पर से गुजर कर ही राज्य में लागू किया जा सकता है.


इस बीच राज्य में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान राजमार्ग और रेलमार्गों को बाधित किये जाने तथा आगजनी और लूटपाट की घटनाओं से यह पूरा विरोध उग्र स्वरूप धारण करता जा रहा है.


केरल में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी यूडीएफ और एलडीएफ ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त प्रदर्शन किया. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कानून को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद निराशाजनक हैं.’’


प्रदर्शन को लेकर पीएम मोदी का ट्वीट


उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘संशोधित नागरिकता कानून स्वीकार्यता, सौहार्द, करुणा और भाईचारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की व्याख्या करता है. हम निहित स्वार्थी समूहों को हमें बांटने और गड़बड़ी पैदा करने की इजाजत नहीं दे सकते.’’


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हिंसा रोकने तथा जान-माल को किसी तरह का नुकसान होने से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि यह तत्काल रुकना चाहिए.


पूर्वोत्तर में कई स्थानों पर जनजीवन ठहर-सा गया है. पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के बीच ट्रेनों को रद्द कर दिया गया.


छात्रों ने परीक्षाओं का किया बहिष्कार


दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया.


हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद कुछ छात्रों ने जामिया के गेट के बाहर कमीज उतारकर प्रदर्शन किया. छात्रों के समूह ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और मार्च निकाला. उन्होंने ‘‘पुलिस की बर्बरता’’ की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की.


सैकड़ों और छात्र सड़कों पर उमड़ पड़े और कुछ छात्रों ने यातायात के सुचारू संचालन के लिए मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया. इस बीच जामिया के कई छात्र अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए.


छात्रों की आंखों देखी


एक छात्र ने कहा, ‘‘जब पुलिस यूनिवर्सिटी में घुसी, तब हम वहीं थे. करीब 20 पुलिसकर्मी गेट नंबर सात से घुसे और करीब 50 अन्य पीछे के गेट से घुसे. हमने उन्हें बताया कि हम हिंसा में शामिल नहीं थे. उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. उन्होंने महिलाओं को भी नहीं बख्शा.’’


उन्होंने बताया कि मेरे पैरों और पेट में चोटें आई हैं. खानजाला की चोटें देखकर एक महिला रो पड़ी. जामिया के हिरासत में लिए गए 50 छात्रों को सोमवार तड़के रिहा कर दिया गया लेकिन परिसर में तनाव बना हुआ है.


कुलपति नजमा अख्तर का बयान


जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने भी छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस बिना अनुमति के परिसर में घुसी. उन्होंने कहा कि परिसर में पुलिस की मौजूदगी को यूनिवर्सिटी बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.


लखनऊ स्थित नदवतुल उलमा (नदवा) कॉलेज में सैकड़ों छात्रों ने एकत्रित होकर ‘‘आवाज दो, हम एक हैं’’ के नारे लगाए. उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया. प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश के मऊ में एक पुलिस थाने और वाहनों में तोड़फोड़ की जिसके चलते पुलिस को हवा में गोली चलानी पड़ी.


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दक्षिण टोला थाने के कम्‍प्‍यूटर कक्ष में जबर्दस्‍त तोड़फोड़ की गयी है. इसके अलावा एक अन्‍य वीडियो में दमकलकर्मी थाने की बाहरी दीवार के पास लगी आग को बुझाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.


दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी


हैदराबाद के मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी में छात्रों ने जामिया के छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए आधी रात के समय मार्च निकाला और अपनी परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की.


हैदराबाद यूनिवर्सिटी और उस्मानिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी प्रदर्शन किए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.


काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी और पश्चिम बंगाल में यादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ ही प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी जामिया के छात्रों के प्रति एकजुटता व्यक्त की और मांग की गई कि सरकार पुलिस की ‘‘गुंडागर्दी’’ के खिलाफ कार्रवाई करे.


महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने जामिया और एएमयू में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया.


महाराष्ट्र कांग्रेस का मिला समर्थन


प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पार्टी के अन्य नेताओं ने नागपुर में धरना दिया. दरअसल, वहां राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है.


थोराट ने कहा, ‘‘हम दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस के अमानवीय बर्ताव की निंदा करते हैं. ’’


केंद्रीय यूनिवर्सिटी केरल, कासरगोड और पांडिचेरी यूनिवर्सिटी में छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया. पटियाला के पंजाब यूनिवर्सिटी, पटना यूनिवर्सिटी और चेन्नई लोयोला कॉलेज के छात्रों ने भी प्रदर्शन किए.


एएमयू में प्रदर्शन


जामिया में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन में सबसे पहले एएमयू शामिल जहां रविवार देर रात को पुलिस के साथ हुई झड़पों में कम से कम 60 छात्र घायल हो गए. प्रदर्शन के बाद यूनिवर्सिटी ने पांच जनवरी तक अवकाश की घोषणा कर दी और छात्रों से हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया.


जामिया के भीतर रविवार की हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को लेकर हॉलीवुड और बॉलीवुड तक से प्रतिक्रियाएं आईं. हॉलीवुड स्टार जॉन कुसाक ने टि्वटर पर कहा, ‘‘दिल्ली से खबर, यह बीती रात युद्ध क्षेत्र था....’’


अगस्त में टि्वटर छोड़ने वाले फिल्मकार अनुराग कश्यप फिर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लौट आए और कहा कि वह लंबे समय तक चुप नहीं रह सकते. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह सरकार स्पष्ट तौर पर फासीवादी है....’’


जवाहर लाल नेहरू विश्विवद्यालय के छात्र भी जामिया के छात्रों का साथ देने रविवार रात आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर पहुंचे थे.


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