नई दिल्ली: सोशल मीडिया के जरिए आज बुलाए गए भारत बंद का असर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र में नहीं दिखा. मध्य प्रदेश में सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. भिंड-मुरैना के कई क्षेत्रों में सोमवार रात से ही ऐहतियातन कर्फ्यू लगा दिया गया है, वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अन्य कई जिलों में निषेधाज्ञा धारा 144 लागू किए जाने के साथ कुछ स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.


राज्य में संभावित भारत बंद के असर को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. भारी पुलिस बल, रेपिड एक्शन फोर्स, होमगार्ड, रेलवे पुलिस की जगह-जगह तैनाती की गई है. राजधानी भोपाल में जिलाधिकारी ने मंगलवार सुबह छह बजे से निषेधाज्ञा लगाई गई है, जो 24 घंटे प्रभावशाली रहेगी.


पांच से ज्यादा व्यक्ति एकजुट होकर धरना, प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे. धरना, प्रदर्शन, रैली पर पूरी तरह रोक है, कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा लेकर नहीं निकल सकेगा. विवाह समारोह, बारात, शव यात्रा, सरकारी दफ्तरों, अस्पताल, स्कूल, होटल, निजी संस्थान इससे दूर रहेंगे.


चंबल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष सिंह ने बताया कि भिंड और उसके कस्बे मालनपुर, मेहगांव, गोहद के अलावा मुरैना शहर में सोमवार की रात से कर्फ्यू लगाया गया है, जो शाम तक जारी रहेगा, समीक्षा के बाद कोई फैसला हेागा.


इसी तरह ग्वालियर के थाटीपुर, गोला का मंदिर, मुरार, डबरा शहर और ग्रामीण में भी रात को कर्फ्यू लगा रहा. दिन में निषेधाज्ञा लगाई गई है. इसके अलावा ग्वालियर-चंबल के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है.


राजस्थान में शांति


राजस्थान में कड़े सुरक्षा प्रबंध के कारण आज भारत बंद का असर बहुत कम नजर आ रहा है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में किसी भी स्थान से अप्रिय वारदात, रेल, बस रोके जाने की सूचना नहीं है.


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जयपुर समेत छह जिला प्रशासन ने भारत बंद के आह्वान को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं चौबीस घंटे के लिए स्थगित कर दी हैं और निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी है.


प्रांतीय राजधानी में कुछ दुकानें खुली हुई हैं. नगरीय एवं परिवहन सेवाएं यथावत संचालित हो रही हैं. जगह-जगह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं. जयपुर पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून तोड़ने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कुछ प्रदर्शनों को छोड़ दिया जाए तो बंद का कोई असर नहीं है. गौरतलब है कि अनुसूचित जाति जनजाति के कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के दौरान व्यापक हिंसा और आगजनी हुई थी. उस दौरान 11 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा के विरोध में 10 अप्रैल को सोशल मीडिया के जरिए कथित तौर पर भारत बंद का आह्वान किया गया है.


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