(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सवर्णों का भारत बंद: बिहार में 'आरक्षण हटाओ, देश बचाओ' नारे के बीच चली गोलियां, 5 पुलिसवाले ज़ख्मी
नौकरी और शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ सवर्णों के बंद का सबसे अधिक असर आरा में दिख रहा है. जहां दो ग्रुप के बीच झड़पें हुई. इस दौरान गोलियों की आवाज भी सुनी गई. भीड़ ने ट्रेनों की आवाजाही ठप कर दी और 'आरक्षण हटाओ' देश बचाओ' जैसे नारे लगाए.
नई दिल्ली: आरक्षण और दलितों के 'भारत बंद' के खिलाफ सवर्णों के एक तबके का आज देशभर में प्रदर्शन जारी है. इसका खासा असर बिहार में देखा जा रहा है. जहां भीड़ ने कई ट्रेनें रोक दी, कई जगहों पर आगजनी की तो वहीं आरा में भीड़ ने कई राउंड गोलियां भी चलाई है. आरा में प्रदर्शनों के हिंसक होने पर प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है. भीड़ की पत्थरबाजी में 6 से 7 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
शहर में दो ग्रुप के बीच झड़पें हुई. इस दौरान गोलियों की आवाज भी सुनी गई. भीड़ ने ट्रेनों की आवाजाही ठप कर दी और 'आरक्षण हटाओ' देश बचाओ' जैसे नारे लगाए.
भीड़ के पथराव में डीएसपी की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई, कई दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. बंद समर्थकों ने कई जगहों पर सड़क जाम भी किया है.
लखीसराय में भी आरक्षण विरोधी सड़क पर दिख रहे हैं. भीड़ ने एनएच 80 समेत कई सड़कों को पूरी तरह जाम कर दिया. कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई. चौराहों पर टायर जलाकर भीड़ ने प्रदर्शन किया. जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने पटना-गया नेशनल हाइवे को बंद कर दिया. जाम खुलवाने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कतों का सामना करना पड़ा.
पटना के भी कई क्षेत्रों में मार्ग जाम किया गया. बंद समर्थकों का कहना है कि सभी जातीय समूहों में निर्धन लोग शामिल हैं. ऐसे में आरक्षण आर्थिक आधार पर लागू किया जाना चाहिए. इस बीच बंद को देखते हुए राजधानी पटना के अधिकांश निजी स्कूलों को बंद रखा गया है.
वहीं सीतामढ़ी में भी कई जगहों पर सड़कों को अवरुद्ध कर आगजनी की गई है. रुन्नीसैदपुर टोल प्लाजा के पास बंद समर्थक सड़क पर उतरे और सड़क जाम किया.
मुजफ्फरपुर में भी सवर्णों के एक वर्ग के भारत बंद के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे. आरक्षण के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई और टायर जलाकर आक्रोश जताया. बंद का असर कैमूर, नालंदा, बेगुसराय, दरभंगा, छपरा और पटना सिटी में भी देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि अनुसूचित जाति जनजाति (एससी/एसटी) के कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान व्यापक हिंसा और आगजनी हुई थी. हिंसा के दौरान देशभर में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे.
इसी के विरोध और नौकरी/शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ सवर्णों ने आज सोशल मीडिया के जरिए बंद बुलाया है. इस बंद का कोई एक संगठन या नेता अगुवाई नहीं कर रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंद की घोषणा को देखते हुए सोमवार को सुरक्षा के लिए राज्यों को एडवाइजरी जारी किया था.