नई दिल्ली: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को बंद करने के मांग लेकर जारी प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. इस दौरान 11 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों की प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में मौत के मामले में तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट तलब की है.
इस बीच हिंसा से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक पुलिस वाला असॉल्ट राइफल से फायरिंग कर रहा है. वीडियो में देख सकते हैं कि एक पुलिसकर्मी एक गाड़ी के ऊपर तेजी से चढ़ता है और अपनी राइफल से अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर देता है. अब इस पुलिसकर्मी की फायरिंग में कितने लोगों की मौत हुई इसकी जानकारी नहीं है. वीडियो में देख सकते हैं कि गाड़ी के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है.
प्रदर्शन क्यों?
कंपनी ने यहां चार लाख टन प्रति वर्ष स्टरलाइट कॉपर परियोजना के विस्तार की घोषणा की थी, जिसके खिलाफ यहां लोग बीते 100 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. जो मंगलवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस परियोजना से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ेगा. प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. काला धुआं उठते हुए देखा गया. पुलिस ने जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया. इसी दौरान 11 की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए. घायलों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. जहां कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है. घायलों में एक 16 वर्षीय स्कूली छात्रा शामिल है, उसे बस का इंतजार करते वक्त गोली लग गई.
विपक्षी पार्टियों ने इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और मुख्यमंत्री पलानीसामी के इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि तमिलनाडु में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने नौ लोगों को मार दिया. यह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल है.
घटना की निंदा करते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि पुलिस ने अत्याचार किया है. अभिनेता से नेता बने कमल हासन और रजनीकांत ने भी इस घटना की निंदा की है. मक्काल नीति मय्याम के प्रमुख कमल हासन ने कहा, "(स्टरलाइट कॉपर के) विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी. अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा. आवासीय और कृषि क्षेत्र के समीप प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं है."
राज्य सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा, "इस मामले में सरकार लोगों की इच्छाओं का सम्मान करती है. करीब 20,000 लोगों ने कंपनी के खिलाफ रैली निकाली और लोगों ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट के कार्यालय में तोड़-फोड़ के दौरान पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिस वाहनों को जला दिया. पुलिस इसे नियंत्रित नहीं कर सकी, इसलिए उसे कुछ कार्रवाई करनी पड़ी."
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के बीच पीएम मोदी के घर चल रही है कैबिनेट की बैठक, क्या मिलेगी राहत?