नई दिल्लीः नागरिकता कानून को लेकर देशभर के अलग-अलग हिस्सों में फैली अफवाहों और विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने अपना पक्ष रखा है. अखबारों में विज्ञापन जारी कर सरकार ने बताया है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है. विज्ञापन में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून से भ्रमित न हों. इस कानून से जुड़ी कई तरह की अफवाहें और गलत सूचना फैलायी जा रही हैं.


विज्ञापन में कहा गया है, ''नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीसीए) के बारे में गलत सूचना से भ्रमित न हों. अधिनियम से जुड़ी कई प्रकार की अफवाहें और गलत सूचना फैलाई जा रही हैं, लेकिन ये किसी भी तरह से सच नहीं है. सीएए से जुड़े वास्तविक तथ्य इस प्रकार हैं.''



अफवाह बनाम सच के हेडलाइन से छापे गए इस विज्ञापन में एक पक्ष अफवाह का है तो दूसरा पक्ष सच का. अफवाह पक्ष को लाल रंग से तो सच पक्ष को हरे और काले रंग से लिखा गया है. अफवाह और सच को तीन प्वाइंट में लिखा गया है.


अफवाह, ''1- सीएए का उद्देश्य भारतीय मुस्लिमों से उनकी नागरिकता छीनना है. 2- सीएए भारतीय मुस्लिमों को प्रभावित कर सकता है. 3- ऐसे दस्तावेज जिनसे नागरिकता प्रमाणित होती हो, उन्हें अभी जुटाने होंगे अन्यथा लोगों को निर्वासित कर दिया जाएगा.''



सच, ''1- सीएए किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिकों को प्रभावित नहीं करता है. यह 2014 तक भारत में रह रहे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से संबंधित है, न कि किसी व्यक्ति से उसकी नागरिकता छीनता है. 2- यह एक झूठ है. सीएए तीन देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यको पर लागू होगा. यह मुसलमानों सहित किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है. इसलिए इससे भारतीय मुसलमानों को किसी भी तरह से प्रभावित होने का कोई सवाल ही नहीं है. 3- गलत. किसी राष्ट्रव्यापी एनआरसी की घोषणा नहीं की गई है. अगर कभी इसकी घोषणा की जाती है तो ऐशी स्थिति में नियम और निर्देश ऐसे बनाए जाएंगे ताकि किसी भी भारतीय नागरिक को परेशानी न हो.''


विज्ञापन में कहा गया है, ''नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी क्षेत्र के भारतीय नागरिक या किसी धर्म विशेष पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा.''


इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून पर सुनवाई के दौरान कानून का समर्थन कर रहे वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा, ''मैं जामिया समेत कुछ इलाकों में गया जहां कानून का विरोध हो रहा है. वहां लोग जानते ही नहीं कि कानून है क्या? सरकार को अखबारों में कानून की जानकारी छपवानी चाहिए.''


इस पर CJI ने एटॉर्नी जनरल से पूछा, ''इस पर आपको क्या कहना है? एटॉर्नी जनरल ने कहा, ''यह अच्छा सुझाव है. इस पर विचार किया जाएगा.''


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