Har Ghar Tiranga: ध्वज संहिता में हैं कौन से प्रावधान? क्या हैं घर पर तिरंगा फहराने के नियम
National Flag: राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और महत्व को ध्यान में रखते हुए उसे घरों, कार्यालयों, संगठनों/एजेंसियों और अन्य स्थानों पर फहराने के कुछ नियम हैं, जिनका हमें पालन करना चाहिए.
Har Ghar Tiranga Camapaign: आजादी के 75वें साल पर के अवसर पर सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में घर पर राष्ट्रीय ध्वज नागरिकों को उसकी गरिमा और सम्मान के अनुरूप फहराना चाहिए. हमारा ध्वज राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. उसके सम्मान और महत्व को ध्यान में रखते हुए उसे घरों, कार्यालयों, संगठनों/एजेंसियों और अन्य स्थानों पर फहराने के कुछ नियम हैं जिनका हमें पालन करना चाहिए.
भारतीय ध्वज संहिता 2002:
ध्वज संहिता के अन्तर्गत सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है. इसमें राष्ट्रीय ध्वज को अपने व्यक्तिगत प्रतिष्ठानों, घरों इत्यादि में फहराने से संबंधित नियम, कानून और परंपराओं का जिक्र है. यह संहिता 2002 में बनाई गई थी. इसमें संशोधन भी किया जा चुका है और अन्य प्रावधान जोड़े गए हैं.
घर में झंडा फहराने के नियम-
घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान का पूरा ध्यान रखना चाहिए. इससे जुड़ी कुछ बातें हैं जिनका पालन करना करें-
- जब भी राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित किया जाता है,तो वह सम्मान की स्थिति में होना चाहिए.
- अगर राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो तो उसे प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.
- ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए.
- किसी अन्य ध्वज या झंडे के साथ एक ही मास्टहेड(बराबर ऊंचाई)से झंडा ना फहरायें.
- ध्वज संहिता के भाग 3 की धारा IX में निहित प्रावधानों के अलावा किसी भी वाहन पर झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए.
- जब राष्ट्रीय ध्वज को क्षैतिज रूप से प्रदर्शित किया जाता है,तो केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए और जब लंबवत् (ऊर्ध्वाधर) प्रदर्शित किया जाता है तो केसरिया रंग की पट्टी दाईं ओर होनी चाहिए (यानी ध्वज के सामने खड़े व्यक्ति के लिए बाएं).
- जहां तक संभव हो ध्वज, इस संहिता के भाग-1 में निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप होना चाहिए.
- कोई अन्य झंडा राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर और बराबर नहीं होना चाहिए. फूल, माला या प्रतीक सहित कोई भी चीज ना तो राष्ट्रीय के ऊपर और ना ही जिससे ध्वज फहराया जाता है उसके ऊपर रखी जानी चाहिए.
- महत्वपूर्ण राष्ट्रीय,सांस्कृतिक अवसरों और खेलों के दौरान जनता को कागज से बने ध्वज को लहराने की अनुमति है.
- समारोह समाप्त हो जाने के बाद कागज के झंडे को ना तो विकृत किया जाए और ना ही फेंका जाए. एकांत में पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ उनका निपटान करें.