ISRO का एक और कमाल, रिसोर्ससैट-2ए के साथ PSLV-C36 रॉकेट लॉन्च
श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अंतरिक्ष के क्षेत्र में बुधवार को एक और कामयाबी मिली. इसने अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिये पृथ्वी अवलोकन उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. इसरो के मुताबिक, 44.4 मीटर लंबा और 321 टन वजनी पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट का प्रक्षेपण सुबह 10.25 बजे किया गया.
यह रॉकेट 1,235 किलोग्राम वजनी भारत के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए को अपने साथ ले गया है. पीएसएलवी रॉकेट चौथी पीढ़ी/इंजन रॉकेट है, जो ठोस व तरल, दोनों प्रकार के वैकल्पिक ईंधन से संचालित होता है. इसरो के अनुसार, रिसोर्ससैट-2ए, रिसोर्ससैट -1 और रिसोर्ससैट-2 मिशन का ही अगला क्रम है. इन्हें 2003 और 2011 में लांच किया जा चुका है. रिसोर्ससैट-2ए में तीन पेलोड हैं. पहले के दो रिसोर्ससैट के साथ भी ऐसा था.
रिसोर्ससैट-2 ए सफलतापूर्वक लॉन्च
भारत के लेटेस्ट रिमोट सेंसिंग उपग्रह ‘रिसोर्ससैट-2ए’ को आज इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए आंध्रप्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. रिसोर्ससैट-2ए का उद्देश्य संसाधनों का निरीक्षण है और यह साल 2003 एवं 2011 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 के अभियान की अगली कड़ी है. यह रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 द्वारा वैश्विक प्रयोगकर्ताओं को उपलब्ध करवाई जाने वाली रिमोट सेंसिंग डाटा सेवाओं को जारी रखेगा.
जमीन और पानी से जुड़े जानकारी के लिए बेहद उपयोगी
इसरो ने कहा, ‘‘पीएसएलवी-सी36 ने रिसोर्ससैट-2ए का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया.’’ इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने इसे एक ‘सफल’ प्रक्षेपण करार देते हुए कहा कि यह ‘हमारे तीन चरणीय इमेजिंग डाटा’ की निरंतरता बनाए रखेगा, जो कि जमीन और पानी से जुड़े विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए बेहद उपयोगी होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रक्षेपण सटीक रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस शानदार काम के लिए और एक और सक्रिय उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए इसरो के पूरे दल को बधाई देना चाहता हूं.’’
1235 किलोग्राम का रिसोर्ससैट-2ए
पीएसएलवी-सी36 ने अपनी 38वीं उड़ान के तहत श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर उड़ान भरी और लगभग 18 मिनट में रिसोर्ससैट-2ए को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश करा दिया. इसरो ने कहा कि 1235 किलोग्राम के रिसोर्ससैट-2ए को 817 किलोमीटर पर स्थित ध्रुवीय सौर समकालिक कक्षा (एसएसओ) में स्थापित किया गया है.
इस उड़ान में, पीएसएलवी के ‘एक्सएल’ प्रारूप का इस्तेमाल किया गया. रिसोर्ससैट-2ए अपने साथ तीन पेलोड ले गया, जो रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 के साथ भेजे गए पेलोड के समान थे. इसरो ने कहा कि इनमें उच्च विभेदन क्षमता वाला ‘लीनियर इमेजिंग सेल्फ स्कैनर’ कैमरा, मध्यम विभेदन क्षमता वाला एलआईएसएस-3 कैमरा और ‘एडवांस्ड वाइड फील्ड सेंसर’ कैमरा शामिल था. रिसोर्ससैट-2ए अपने साथ दो ‘सॉलिड स्टेट रिकॉर्डर’ भी ले गया है. प्रत्येक रिकॉर्डर अपने कैमरों द्वारा ली गई 200 गीगा बाइट्स की तस्वीरें संग्रहित करने की क्षमता रखता है. इन्हें बाद में जमीन पर स्थित स्टेशनों में देखा जा सकता है. रिसोर्ससैट-2ए के मिशन की अवधि पांच साल की है. पहले इस उपग्रह को 28 नवंबर को प्रक्षेपित किया जाना था. इसरो का प्रमुख उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी अब तक 36 सफल प्रक्षेपण कर चुका है. साल 1994-2016 की अवधि में पीएसएलवी ने कुल 121 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं. इनमें 79 उपग्रह विदेश से थे.