(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
30 मिनट दैनिक 'जनहित प्रसारण' अनिवार्य, सरकार ने TV चैनलों के लिए जारी किए नए नियम, जानें क्या-क्या बदला
दिशानिर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में संशोधित किए गए थे. अंतरिम अवधि में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए 11 साल बाद वर्तमान संशोधन हुआ है.
Public Interest Broadcast On Channels: भारत को अपलिंकिंग हब के रूप में पेश करने के लिए सरकार ने गुरुवार (10 नवंबर) को टेलीविजन चैनलों के लिए दिशानिर्देशों में छूट की घोषणा की है. मुख्य रूप से एंटरटेन चैनलों के लिए 30 मिनट का दैनिक 'जनहित प्रसारण' अनिवार्य कर दिया.
इस कदम से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है, जो उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 में से केवल 30 चैनल भारत से अपलिंक हैं.
लाइव के लिए नहीं लेनी होगी अनुमति
संयुक्त सचिव (प्रसारण) संजीव शंकर ने मीडिया को बताया, "कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है, केवल लाइव प्रसारण के लिए कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा. मानक परिभाषा (एसडी) से हाई डेफिनिशन (एचडी) या इसके विपरीत भाषा बदलने या ट्रांसमिशन मोड के रूपांतरण के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. चैनल को केवल मंत्रालय को बदलावों के बारे में सूचित करना होगा."
11 साल बाद किया गया नियमों में बदलाव
दिशानिर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में संशोधित किए गए थे. अंतरिम अवधि में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए 11 साल बाद वर्तमान संशोधन हुआ है. नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक कंपनी डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी) के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों जैसे ऑप्टिक फाइबर, बैक पैक, मोबाइल का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
इन विषयों पर होगा कंटेंट
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है. टेलीविजन चैनलों को शिक्षा और साक्षरता के प्रसार, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं के कल्याण, कमजोर वर्गों के कल्याण जैसे राष्ट्रीय हित के विषयों पर हर दिन 30 मिनट की जनहित कंटेंट प्रसारित करना होगा.
सरकार नहीं देगी कोई कंटेंट, चैनल स्वतंत्र
सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा, "ऐसा नहीं है कि सरकार जनहित कंटेंट के तहत प्रसारण के लिए टेलीविजन चैनलों को कोई कार्यक्रम देगी. चैनल दिशानिर्देशों में उल्लिखित विषयों पर अपनी सामग्री बनाने के लिए स्वतंत्र हैं." दिशानिर्देश एक समाचार एजेंसी को वर्तमान में एक वर्ष के मुकाबले पांच साल की अवधि के लिए अनुमति देते हैं. दिशानिर्देश टीवी चैनलों के लिए सी-बैंड के अलावा अन्य आवृत्ति बैंड में अपलिंकिंग के लिए अपने संकेतों को एन्क्रिप्ट करने के लिए अनिवार्य बनाते हैं.