सार्वजनकि स्थल अक्सर समाज में मौजूद असमानताओं को दिखाते हैं, बोले CJI चंद्रचूड़
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण समाज में समुदायों और समूहों को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिन्हें परंपरागत रूप से न्यायिक प्रक्रिया से बाहर रखा गया है.
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाईचंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) ने बुधवार (27 मार्च) को कहा कि सार्वजनिक स्थान अक्सर समाज में पहले से मौजूद सामाजिक असमानताओं को प्रतिबिंबित करते हैं. उन्होंने कहा कि नए बुनियादी ढांचे का निर्माण न केवल वकीलों और न्यायाधीशों के लिए अच्छा है, बल्कि इसका उद्देश्य हमारे समाज के व्यापक वर्ग तक पहुंचना भी है.
वह यहां राजेंद्रनगर में नए तेलंगाना हाईकोर्ट भवन के निर्माण की आधारशिला रखने और राज्य में 32 ई-सेवा केंद्रों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण समाज में समुदायों और समूहों को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिन्हें परंपरागत रूप से न्यायिक प्रक्रिया से बाहर रखा गया है.
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि सार्वजनिक स्थान अक्सर हमारे समाज में पहले से मौजूद सामाजिक असमानताओं को दर्शाते हैं. हमारा बुनियादी ढांचा कभी-कभी बहिष्कार के सूक्ष्म संकेतों को प्रतिबिंबित करता है, जैसे कि महिलाओं के लिए शौचालयों की कमी, जिसका मैंने पहले उल्लेख किया था, दिव्यांगों के लिए रैंप, युवा माताओं के लिए क्रेच और स्तनपान कराने के कमरे.'
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि ई-सेवा केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने का कारण यह है कि भारत में अब भी ‘इंटरनेट विभाजन’ है और हर किसी के पास इसकी पहुंच नहीं है. उन्होंने कहा कि हर वकील के पास स्मार्टफोन नहीं है और हर नागरिक के पास लैपटॉप नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दिव्यांग-अनुकूल पार्किंग स्थलों की स्पष्ट अनुपस्थिति यह बताती है कि अदालतें दिव्यांगों के लिए नहीं हैं या उन्हें न्याय तक पहुंच प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त बाधाओं को दूर करना होगा.
इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस एसवी भट्टी, जस्टिस पीवी संजय कुमार, तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और कई अन्य कानूनी दिग्गज शामिल हुए.