पुडुचेरी में अगले कुछ महीने में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा झटका लगा है. चार विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य सरकार अल्पमत में आ गई है. 30 सदस्यीय पुडुच्चेरी विधानसभा में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के पास अब 14 का विधायकों का आंकड़ा रह गया है, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से एक कम है. जबकि, विधानसभा सदस्यों का आंकड़ा घटकर 28 हो गया है. इस्तीफे के बाद सरकार और विपक्ष दोनों के पास 14-14 विधायकों का आंकड़ा है.


पुडुचेरी में सरकार कांग्रेस गठबंधन की सरकार के अल्पमत में आने की खबर ऐसे वक्त पर सामने आई है जब 2021 विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा करने के लिए राहुल गांधी 17 फरवरी यानी बुधवार को पुडुचेरी जा रहे हैं.


पुडुचेरी में पिछले कुछ हफ्तों में कांग्रेस के 4  वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने इस्तीफ़े दे दिए हैं. वरिष्ठ नेता नमसिवयम और कामराजनगर के विधायक जॉन कुमार सहित 4 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. दो अन्य दिग्गज कांग्रेसी नेता और विधायक थिप्पंजन और मल्लादी कृष्णा राव ने भी इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. इसके बाद 3 डीएमके विधायकों के समर्थन से जो सरकार चल रही थी वो अब अल्पमत में आ गई है. वहां के स्वास्थ्य मंत्री मल्लादी कृष्णा राव का इस्तीफा हैरान करने वाली है क्योंकि उप-राज्यपाल के पद से किरण बेदी को हटाने के लिए अनुरोध करने दिल्ली गए मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी के साथ वह भी मौजूद थे.


अधिकांश पर्यवेक्षकों ने माना है कि राहुल गांधी की राजनीति के खिलाफ असंतोष के बढ़ने के कारण नेताओं ने इस्तीफ़े दिए हैं. ये सभी राहुल गांधी से मिलकर अपने शिकायतों को बताना चाहते थे. जानकरों का मानना है कि ये इस्तीफ़े मतदाताओं के कांग्रस से विमुख होने की भविष्यवाणी भी हो सकते हैं. इसके साथ ही, सरकारों के खराब प्रदर्शन और भ्रष्टाचार को लेकर मतदाताओं में निराशा भी बताती है. मई में यहां चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस के लिए उसके विधायकों का एन वक्त पर इस्तीफ़ा देना कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.


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