पुदुच्चेरी में कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायकों के कारण मौजूदा सरकार के सामने बहुमत का संकट खड़ा हो गया है. चारों विधायकों के इस्तीफा देने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस बैठक में तय हुआ कि कि नारायणसामी सराकार इस्तीफा नहीं देगी बल्कि बहुमत साबित करने कि लिए फ्लोर टेस्ट करेगी.


30 सीटों के लिए होता है चुनाव


33 सदस्यों पुदुच्चेरी विधानसभा में 30 सीटों के लिए चुनाव होता है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज कर न सिर्फ बड़ी पार्टी बनी थी बल्कि तीन डीएमके और एक निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार भी चला रही थी.


बहुमत में आने के बाद कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में मंत्री रहे वी नारायणसामी पर अपना भरोसा जताया. कांग्रेस के विधायकों ने मिलकर नारायणसामी को अपना नेता चुना और वह मुख्यमंत्री बने.


संकट में कांग्रेस की सरकार


मौजूदा वक्त में नारायणसामी की सरकार संकट में दिख रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर कैसे 30 में से 15 सीटों पर जीत दर्ज कर बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस संकट में आ गई.


साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटें मिली थी जबकि एआईएनआरसी ने सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. एआईएडीएमके ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. तीन सीटों पर डीएमके के नेताओं ने जनता ने चुना था तो वहीं एक सीट पर निर्दलीय विधायक ने जीत हासिल की थी. मनोनित तीनों सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं.


डीएमके और निर्दलीय विधायकों की मदद से कांग्रेस गठबंधन की सरकार को 19 विधायकों का समर्थन हासिल था. लेकिन, चार विधायकों के इस्तीफे और एक विधायक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से बाहर निकाले जाने के कारण कांग्रेस की सरकार संकट में दिखने लगी है.


क्या है विपक्ष की स्थिति


अब अगर विपक्ष की स्थिति को देखते हैं तो एआईएनआरसी की सात सीटें एआईएडीएमके के चार विधायक और सदन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीन मनोनित विधायक हैं.


33 सदस्यों वाली विधानसभा में नारायणसामी की सरकार के पास अब कुल 14 विधायकों का समर्थन है तो वहीं विपक्ष के पास मनोनित सदस्यों को मिलाकर कुल 14 विधायक हैं.


लग सकता है राष्ट्रपति शासन


सदन में बहुमत जीतने के लिए कुल विधायकों की संख्या के आधे से एक विधायक ज्यादा चाहिए. यानि कि चार विधायकों के इस्तीफे और एक के निष्काषन के बाद सदन में बहुत के लिए कम से कम 15 विधायकों का समर्थन चाहिए जो कि किसी भी दल के पास नहीं है.


ऐसे में माना जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है. राज्य में कांग्रेस की सरकार को संकट में आने के बाद उपराज्यपाल किरण बेदी को राष्ट्रपति ने हटा दिया है.


दो नेताओं ने थामा लिया है बीजेपी का दामन


बता दें कि पुदुच्चेरी में कामराज सीट से कांग्रेस विधायक ए जॉन कुमार ने 'कांग्रेस सरकार के असंतोष' का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. इससे पहले कांग्रेस पार्टी के विधायक मल्लदी कृष्ण राव, नमिचीवम और थिपिनदान ने भी इस्तीफा दे दिया था. पीडब्ल्यूडी मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा देने वाले नमिचीवम और ई थिपिनदान बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.


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