Lok Sabha Election 2024: केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी लोकसभा सीट पर आगामी 19 अप्रैल को पहले चरण के तहत ही चुनाव होंगे. इस सीट पर बीजेपी ने राज्य के गृह मंत्री ए. नमस्सिवायम को चुनावी मैदान में उतारा है. चुनाव से पहले पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग एक बार फिर उठ खड़ी हो गई है. बीजेपी ने इसको चुनावी वादे के रूप में पुरजोर तरीके से उठा दिया है जिस पर मनीला मक्कल मुनेत्र कषगम (एमएमएमके) ने निशाना साधा है.
बीजेपी कैंडिडेट नमस्सिवायम ने जनता से पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का चुनावी वादा किया है. इस पर पलटवार करते हुए पूर्व सांसद और एमएमएमके के पुडुचेरी अध्यक्ष एम. रामदास ने बीजेपी कैंडिडेट के इस बयान को महज चुनावी बयानबाजी बताया है.
'सिर्फ वोटरों को धोखा देने वाला चुनावी वादा'
पूर्व सांसद एम. रामदास ने कहा है कि सूबे के निवर्तमान गृह मंत्री और बीजेपी कैंडिडेट ए. नमस्सिवयम की ओर से लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य को लेकर दिये बयान को 'पुरानी बोतल में पुरानी शराब' जैसा बताया है. साथ ही बीजेपी नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का वादा कर सिर्फ वोटरों को धोखा देने के लिए किया जा रहा है.
बीजेपी राज्य के मुद्दे को उठाने का उनका
रामदास ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीजेपी कैंडिडेट की इस तरह की बयानबाजी राज्य के अंतर्निहित सिद्धांत की समझ की कमी को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि राज्य के मुद्दे को उठाने का उनका भरोसा और वित्त आयोग के दायरे में केंद्र शासित प्रदेश को शामिल करना दो अलग-अलग मुद्दे नहीं हैं बल्कि दोनों एक ही हैं क्योंकि राज्य का दर्जा पुडुचेरी को स्वत: आयोग के दायरे में ले आएगा.
पद पर रहते क्यों नहीं उठाए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग
रामदास ने यह भी कहा कि अब सवाल यह उठता है कि क्या केंद्र शासित प्रदेश के गृह मंत्री को अब लोकसभा उम्मीदवार के रूप में पुडुचेरी के मुद्दे को उठाने को संसद के लिए चुना जाना चाहिए. उन्होंने जानना चाहा कि क्या बीजेपी में खास जगह रखने वाले और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में नमस्सिवयम ने कभी भी राज्य की मांग के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था. क्या उन्होंने पिछले 3 सालों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री के साथ इस मसले को उठाने का प्रयास किया?
'चुनावों से पहले बीजेपी को आश्वासन सिर्फ कोरी बयानबाजी'
पूर्व सांसद रामदास ने कहा कि सिर्फ अगर वह या मुख्यमंत्री बीजेपी के मैनिफेस्टों में एक साल के भीतर पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए मना लेते हैं तो क्या इस तरह के प्रयास से उसकी विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा? मनीला मक्कल मुनेत्र कषगम ने चुनावों के मद्देनजर इस तरह आश्वासन को सिर्फ कोरी बयानबाजी बताया है.