Sanna Irshad Mattoo: पुलित्जर विजेता कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू (Sanna Irshad Mattoo) को इस साल दूसरी बार दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेश जाने से रोका गया. जुलाई में भी उन्हें रोका गया था. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पुलित्जर न्यू यॉर्क में अवॉर्ड लेने जा रही थीं, लेकिन उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया. यूएस वीजा और टिकट होने के बावजूद उन्हें इंटरनेशनल ट्रेवल करने से रोक दिया गया.
सना इरशाद मट्टू ने बताया कि यह दूसरी बार है जब उन्हें बिना कारण यात्रा करने से रोका गया है. कुछ महीने पहले जो हुआ उसके बाद कई अधिकारियों तक पहुंचने के बावजूद, इस बार भी उनकी यात्रा पर रोक लगाई गई. उन्होंने कहा कि उनके लिए इस अवॉर्ड शो में शामिल होना बड़ा अवसर था, जो पूरा नहीं हो सका.
नहीं बताया विदेश यात्रा रोके जाने का कारण
बता दें कि, जुलाई में उन्हें बुक रिलीज और फोटोग्राफी एग्जीबिशन के लिए दिल्ली से पेरिस जाने के लिए भी दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था. मट्टू ने तब आरोप लगाया था कि इमिग्रेशन ऑफिसर ने उन्हें उड़ान से रोकने का कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि वह विदेश यात्रा नहीं कर सकतीं क्योंकि उन पर प्रतिबंध थे.
सना इरशाद मट्टू अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के उन चार पत्रकारों में शामिल हैं, जिन्हें फीचर फोटोग्राफी कैटेगरी में साल 2022 का पुलित्जर पुरस्कार देने की घोषणा हुई है. मट्टू के अलावा फोटोजर्नलिस्ट अदनान अबीदी, दिवंगत दानिश सिद्दीकि और अमित दवे का नाम अवॉर्ड लिस्ट में शामिल था.
प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 150वें स्थान पर भारत
मई में ग्लोबल मीडिया वॉचडॉग रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार की तीखी आलोचना के कारण, इस साल वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 180 देशों में से पिछले साल के 142वें स्थान से गिरकर 150वें स्थान पर आ गई.
जम्मू और कश्मीर में 2018 से एक स्वतंत्र फोटो जर्नलिस्ट के रूप में काम करते हुए, सना इरशाद मट्टू ने कोरोना महामारी के दौरान कवरेज की थी. इसी को लेकर उन्हें फीचर फोटोग्राफी कैटेगरी में 2022 पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं में से हैं. इसे पत्रकारिता जगत में सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है.
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