नई दिल्ली: भारत ने सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में किए गए आतंकवादी हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता और पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों के शिविरों के बारे में एक अधिकृत दस्तावेज (डोजियर) पाकिस्तान को बुधवार को सौंपा.
यह डोजियर पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपा गया. पाक के इस राजनयिक को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए तलब किया था. इससे एक दिन पहले ही भारत ने जैश ए मोहम्मद के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया था.
ध्यान रहे कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमले के बाद दो बार कहा है कि भारत सबूत दे तो हम आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. यह गौर करने वाली बात है कि भारत ने पहले भी कई बार सबूत दिये हैं लेकिन पाकिस्तान बयानबाजी से आगे नहीं बढ़ा और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
सरकारी सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान में मंगलवार को पौ फटने से पहले आतंकवादी शिविरों पर की गयी इस कार्रवाई में जैश ए मोहम्मद के 350 से अधिक आतंकवादी मारे गये. जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मचारी मारे गये थे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व द्वारा उनके नियंत्रण वाली भूमि में आतंकवादियों की आतंकी आधारभूत सुविधाओं की मौजूदगी से निरंतर नकार पर खेद व्यक्त किया गया है.’’
उसने कहा, ‘‘पाकिस्तानी पक्ष को एक डोजियर सौंपा गया जिसमें पुलवामा आतंकवादी हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता तथा जैश आतंकवादी शिविरों और उसके नेतृत्व की मौजूदगी का विशिष्ट ब्यौरा दिया गया है.’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को यह अवगत कराया गया है कि भारत उम्मीद करता है कि पाकिस्तान उसके नियंत्रण वाली भूमि से उपजने वाले आतंकवाद के खिलाफ फौरन और पुष्टि की जा सकने योग्य कार्रवाई करेगा.
आतंकवाद के खिलाफ भारत के अभियान के जवाब में पाकिस्तानी वायु सेना ने जम्मू कश्मीर में बुधवार सुबह कुछ स्थानों को निशाना बनाने का प्रयास किया जिसे भारतीय वायुसेना के विमानों ने नाकाम कर दिया.
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इस टकराव में भारत ने पाकिस्तान के एक जेट को मार गिराया जबकि भारतीय वायुसेना के एक पायलट को पाकिस्तानी अधिकारियों ने पकड़ लिया. भारत को एक मिग 21 विमान भी गंवाना पड़ा. भारत ने पाकिस्तान के बिना भड़कावे वाले इस आक्रामक कृत्य के लिए कड़ा विरोध जताया. इसमें भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन और सैन्य चौकियों को निशाना बनाना शामिल है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह 26 फरवरी को बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर किए गये भारत के असैन्य, आतंकवाद निरोधी और आत्मरक्षार्थ प्रहार के खिलाफ है.’’